सुधार के मजबूत संकेत के बीच तेजी से सुधरी अर्थव्यवस्था
सुधार के मजबूत संकेत के बीच तेजी से सुधरी अर्थव्यवस्था Syed Dabeer Hussain - RE
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सुधार के मजबूत संकेत के बीच तेजी से सुधरी अर्थव्यवस्था

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। इस दुनिया में कोरोना वायरस की एंट्री के साथ ही अनेक देशों की हालत ख़राब होना शुरू हो गयी थी। क्योंकि, कोरोना वायरस की शुरुआत होते ही लगभग सभी देशों ने अपने देश में लॉकडाउन लागू कर दिया था। जिसके चलते देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। इतना ही नहीं देश आर्थिक मंदी का सामना करने लगे थे। वहीं, अब खबर यह है कि, कई देश आर्थिक मंदी से बाहर आते नजर आ रहे हैं। खुशी की बात यह है कि, इन देशों में भारत का नाम भी शामिल हो गया है। क्योंकि, अब देश की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटती नजर आ रही है।

अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार :

दरअसल, इन दिनों देश में भले ही कोरोना के नए Omicron वेरिएंट का खौफ बढ़ना शुरू हो गया है, लेकिन इसी बीच अच्छी खबर यह है कि, उतरी देश की अर्थव्यवस्था में अब तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। आर्थिक सुधार के लिए निगरानी वाले 22 उच्च आवृत्ति संकेतकों (HFI) में से 19 में पूरी तरह सुधार देखने को मिला है। खबरों की मानें तो, ये 19 संकेत कोरोना से पहले वाली स्थिति की तुलना में इस वर्ष सितंबर, अक्टूबर व नवंबर में शीर्ष स्तर पर नजर आए।

देखने मिला 100 % सुधार :

ताजा आंकड़ों के अनुसार, 19 में से कुछ संकेतकों में 100% से भी ज्यादा सुधार देखने को मिला है। इन संकेतकों में मुख्य टूर पर ई-वे बिल, कारोबार निर्यात, कोयला उत्पादन और रेलवे माल ढुलाई शामिल हैं। यह संकेत है कि, अर्थव्यवस्था में अब काफी सुधार आया है, साथ ही अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले स्तर की गति पकड़ रही है। इसका अंदाजा दूसरी तिमाही में सामने आए GDP अनुमान भी इस सुधार की पुष्टि करते हैं। 8.4 फीसदी का सुधार कोरोना से पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही से भी बेहतर है।

आंकड़ों के अनुसार :

  • अक्ट्रबर में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन 2019 की तुलना में 157 फीसदी यानी 108.2 करोड़ रहा।

  • UPI लगभग चार गुना के साथ 421.9 करोड़ रहा।

  • अक्ट्रबर में कारोबारी आयात 55.4 अरब डॉलर रहा, जो कि 2019 की तुलना में 146 फीसदी था।

  • ई-वे बिल की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा होकर 7.4 करोड़ पर पहुंच गई।

  • कोयला उत्पादन 131% बढ़कर सितंबर में लगभग 11.41 करोड़ टन रहा।

  • रेलवे ढुलाई में भी 125% की बढ़त दर्ज की गई।

  • खाद बिक्री, बिजली खपत, ट्रैक्टरों की बिक्री, सीमेंट उत्पादन, बंदरगाहों पर आवाजाही, ईंधन की खपत, हवाई कार्गो, आईआईपी और 8 कोर उद्योग कोरोना से पहले वाले स्तर से ऊपर हैं।

  • कोरोना से पहले वाले स्तर पर पहुंचने में सिर्फ तीन क्षेत्र बचे हैं, जिनमें थोड़ी कसर बाकी है।

  • इस्पात खपत में वर्तमान 99%, घरेलू वाहन बिक्री में 86% और हवाई यात्री ट्राफिक 66% है।

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