राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था काफी बिगड़ गई है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से काफी सुधार देखने को मिला है। इस बात का अंदाजा हाल ही में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन के आंकड़ों से लगाया जा सकता है। साल के तीसरे महीने के पहले दिन वित्त मंत्रालय ने GST कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहा है।
GST कलेक्शन :
दरअसल, वित्त मंत्रालय के सामने आए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कोरोना से बने हालातों के बीच दिसंबर 2020 के दौरान कुल GST कलेक्शन 1.15 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा रहा था। जबकि, नए साल में GST कलेक्शन में सालाना आधार पर 7% की बढ़ोतरी हुई है। यानी फरवरी 2021 में GST कलेक्शन 1.13 लाख करोड़ रुपए तक जा पंहुचा है। जबकि, यही GST कलेक्शन फरवरी 2020 में 1.05 लाख करोड़ था। जबकि GST कलेक्शन में इम्पोर्ट से रेवेन्यू में पिछले साल की तुलना में 15% की बढ़त दर्ज की गई है।
इम्पोर्ट में दर्ज की जा रही बढ़त :
बताते चलें, इम्पोर्ट से रेवेन्यू में भी इस साल बढ़त दर्ज की गई है। जिससे इकोनॉमी में रिकवरी आने के बाद इम्पोर्ट बढ़ रहा है, इसका पॉजिटिव असर GST कलेक्शन पर नजर आ रहा है। इसी प्रकार डोमेस्टिक ट्रांजैक्शन से रेवेन्यू भी पिछले साल की तुलना से 5% ज्यादा रहा है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि, घरेलू बाजार में सामान के लेनदेन से हासिल टैक्स कलेक्शन बढ़ रहा है। बता दें, GST के चलते फर्जीवाड़ा काम हो गया है। इसी कड़ी में सोमवार को GST की टीम ने महाराष्ट्र में 656 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों को पकड़ा। इसमें कुल 48 लोग और कंपनियां भी शामिल हैं। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
GST की टीम की बड़ी कार्रवाई :
GST की टीम ने महाराष्ट्र में जिन फर्जी बिलों को पकड़ा है। उस कार्रवाई के तहत टीम ने कई लोगों को पर्सनल कॉल किया। जिनका कारोबार 1 करोड़ रुपए भी नहीं था। इन लोगों से कॉल पर यह पूछा गया कि, 'उन्होंने GST क्यों कम भरा है।' माध्यम से GST की टीम ये जानना चाहती है कि, आपका बिजनेस कैसा चल रहा है। GST टीम अब चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अस्पतालों की छानबीन कर रही है। यह छानबीन इसलिए की जा रही है क्योंकि, रेवेन्यू विभाग को इन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और अस्पतालों के इनकम टैक्स और इंडायरेक्ट टैक्स की फाइलिंग में अंतर मिला है। इस मामले में टैक्स अथॉरिटी ने कुछ अस्पतालों को नोटिस भी जारी किया है।
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