Google Pay is providing service without RBI approval
Google Pay is providing service without RBI approval Syed Dabeer Hussain - RE
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RBI के बड़े खुलासे से Google Pay यूजर्स को लग सकता झटका

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज ऑनलाइन पेमेंट और मनी ट्रांफर करने के लिए सबसे लोकप्रिय ऐप मानी जाती है, Google Pay और अगर आप भी इसे इस्तेमाल करते हैं, तो जरा रुकिए, ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, Google Pay को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दिल्ली स्थित हाई कोर्ट के सामने बहुत बड़ा खुलासा किया है। यदि आप Google Pay यूजर हैं तो आपको भी यह अहम् जानकारी जान लेना चाहिए।

RBI ने दी हाई कोर्ट को जानकारी :

दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाई कोर्ट को बताया कि, Google Pay एक थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर (TPAP) (तृतीय पक्ष ऐप प्रदाता) है। साथ ही यह ऐप किसी पैमेनेट सिस्टम को संचालित नहीं करता है। इतना ही नहीं RBI ने चीफ मजिस्टेट डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की पीठ को जानकारी देते हुए बताया कि, यही कारण है कि, इसके संचालन से 2007 के भुगतान तथा निपटान प्रणाली कानून (Payment and Settlement Systems Act 2007) का उल्लंघन नहीं होता है। इसके अलावा RBI ने कोर्ट को बताया कि Google Pay किसी पैमेंट सिस्टम का संचालन नहीं करता है और इसी के चलते ही Google Pay को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की अधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।

Google Pay पर लगा आरोप :

दरअसल, वित्तीय अर्थशास्त्री (Financial Economist) अभिजीत मिश्रा ने एक जनहित याचिका दायर करते हुए Google Pay पर आरोप लगाया था कि, Google का मोबाइल भुगतान ऐप Google Pay (GP), बिना RBI की जानकारी और अपेक्षित मंजूरियों के ही एक वॉलेट के रूप में फंड पेमेंट या फंड ट्रांसफर जैसी सुविधा दे रहा है। यानि कि, Google Pay यूजर्स को बिना RBI की जानकारी और मंजूरी के सेवा दे रहा है। 

याचिका का उत्तर :

इस याचिका का उत्तर देते हुए रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि, वित्तीय अर्थशास्त्री मिश्रा द्वारा दावा किया गया है कि, Google Pay भुगतान और निपटान कानून का उल्लंघन कर रहा है। साथ ही एक पेमेंट सिस्टम के रूप में कार्य कर रहा है। जबकि Google Pay के पास इस ग्राहकों को इस तरह सुविधा देने से जुड़ी रिजर्व बैंक की कोई वैध अनुमति नहीं है।

22 जुलाई को अगली सुनवाई : 

बताते चलें, पीठ ने फिलहाल इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत महसूस करते हुए इस मामले की सुनवाई को 22 जुलाई तक के लिए टाल दिया है। यानि इस मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। कोर्ट का मानना है कि, इस मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा करना थर्ड पार्टी ऐप को प्रभावित करता है।

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