चावल, आटा, दाल, पनीर, दूध के खुले में खरीद पर नहीं लगेगा जीएसटी
चावल, आटा, दाल, पनीर, दूध के खुले में खरीद पर नहीं लगेगा जीएसटी Social Media
व्यापार

चावल, आटा, दाल, पनीर, दूध के खुले में खरीद पर नहीं लगेगा जीएसटी : निर्मला सीतारमण

News Agency, राज एक्सप्रेस

नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने चावल (Rice), आटा (Flour), दाल (Pulses), पनीर (Paneer), दूध (Milk), छाछ समेत कुछ अति आवश्यक वस्तुओं पर पांच प्रतिशत जीएसटी (5% GST) लगाने के निर्णय को लेकर जारी विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए आज कहा कि यह जीएसटी परिषद (GST Council) में सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय है और फिटमेंट कमेटी (Fitment Committee) की सिफारिशों पर यह ऐसा हो सका है।

श्रीमती सीतारमण ने इसको लेकर जीएसटी परिषद की चंडीगढ़ में हुयी 47 वीं बैठक में लिए गये इस निर्णय पर आज एक के बाद एक कुल 14 ट्वीट कर इसको लेकर जारी विवाद को शांत करने की पूरी कोशिश की है और उन 14 चीजों की सूची भी जारी की है, जिन पर सशर्त जीएसटी नहीं लगेगा। यह शर्त है कि इन वस्तुओं को खुले में खरीदा जाए। इनकी पैकिंग नहीं होनी चाहिए।

कल अर्थात 18 जुलाई से देश में खाने- पीने की कई चीजों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है। ऐसे में खाने-पीने के ब्रांडेड और पैक वाले सामानों जैसे दाल, आटा, चावल, दही और लस्सी जैसे जरूरी सामानों के दामों पर जीएसटी लगेगा। इस बीच वित्त मंत्री ने 14 वस्तुओं की सूची जारी कर कहा कि इन पर टैक्स नहीं लगेगा, सिर्फ अगर इन्हें खुले में खरीदा जाए।

उन्होंने कहा कि अगर इस सूची में शामिल सामानों को खुले, बिना पैकिंग या बिना लेबल के खरीदा जाता है तो इन सामानों पर जीएसटी से छूट दी जाएगी। इन सामानों में दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मक्का, चावल, आटा, सूजी, बेसन, दही और लस्सी शामिल है।

कल वित्त मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि अगर इन चीजों की पैकिंग 25 किलोग्राम या 25 लीटर से ज्यादा की बोरी या पैक में होती है, तो इन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। पांच फीसदी जीएसटी पहले से पैक हुई सिर्फ उन्हीं उत्पादों पर लगेगा जिनका वजन 25 किलोग्राम तक है। अगर रिटेलर व्यापार विनिर्माता या वितरक से 25 किलोग्राम पैक में सामान लाकर उसे खुले में बेचता है, तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।

वित्त मंत्री ने जीएसटी को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों की सहमति का भी जिक्र करते हुये कहा कि क्या यह पहली बार है जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है। नहीं, राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से राजस्व जुटा रहे थे। अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की। उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये वसूले।

उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू की गई थी। बाद में इसे केवल उन्हीं वस्तुओं पर टैक्स लगाने के लिए संशोधित किया गया था जो रजिस्टर्ड ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची गई थीं। प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा जल्द ही इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग देखा गया और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई। जिसके बाद फिटमेंट कमेटी के पास इन उत्पादों को भेजा गया जिसकी सिफारिशों के आधार पर यह कर लगाया गया है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT