इस अनोखे कारण से बिकने जा रही 'Bisleri'
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इस अनोखे कारण से बिकने जा रही 'Bisleri', जानें, क्यों Tata ही होगी खरीददार

Kavita Singh Rathore

Bisleri Deal : बिसलेरी (Bisleri) यह नाम आज हर किसी ने सुना ही होगा। अक्सर लोग पानी की बोतल को Bisleri के नाम से ही जानते हैं, लेकिन हो सकता है जल्द ही यह नाम बदल जाए क्योंकि, आम तौर पर कोई भी कंपनी नुकसान का सामना करते हुए बिकने की कगार पर पहुंच जाती है और उस कंपनी के मालिक को उसे बेचना पड़ता है। हालांकि, भारत की सबसे पॉपुलर पैकेज्ड वाटर कंपनी 'बिसलेरी' (Bisleri) के बिकने का कारण अपने आप में ऐसा पहला कारण होगा।

जल्द बिकने वाली है Bisleri :

दरअसल, भारत की सबसे पॉपुलर पैकेज्ड वाटर कंपनी 'बिसलेरी' (Bisleri) जल्द ही बिकने वाली है। पहले यह खबर थी कि, Bisleri के मालिक कंपनी को मुकेश अंबानी को बेचने वाले थे, लेकिन अब इसे खरीदने के लिए एक नया नाम सामने आ चुका है और वह कोई और नहीं बल्कि भारत की कई सालों पुराने ग्रुप टाटा ग्रुप (Tata Group) का है। बता दें, Tata Group जल्द ही Bisleri को 7000 करोड़ रुपए में खरीदने वाला है। बता दें, अपनी कंपनी को बेचने के लिए उम्मीदवार का चुनाव खुद Bisleri कंपनी के मालिक रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने किया है। उन्होंने Tata Group को अपनी कंपनी सौंपने का ऐलान कर दिया है, जबकि Bisleri को खरीदने के लिए Nestle और Reliance जैसी कंपनियां भी लाइन में थीं।

82 वर्षीय रमेश चौहान

कंपनी को बेचने का कारण :

Bisleri कंपनी के मालिक रमेश चौहान ने इस कंपनी को साल 1969 में मात्र 4 लाख रुपए में खरीदा था। उन्होंने भावुक होते हुए बताया कि, "मेरे लिए कंपनी बेचने का फैसला आसान नहीं था। जिस कंपनी को मैंने बच्चे की तरह पाला उसे मरने नहीं दे सकता, लेकिन मेरे पास कोई उत्तराधिकारी नहीं है, जो इस कंपनी को आगे ले जा सके। मेरी बेटी जयंती इस कारोबार में खास दिलचस्पी नहीं रखती है। मैं इस कंपनी को मरने नहीं देना चाहता, इसलिए मुझे इसे बेचने का फैसला लेना पड़ा।"

Tata Group ही क्यों ?

बताते चलें, Bisleri को खरीदने के लिए देश की दिग्गज कंपनी रिलायंस का नाम शामिल होने के बाद भी Bisleri कंपनी के मालिक रमेश चौहान ने Tata Group को चुनने का जो कारण बताया वो काफी भावुक कर लेने वाला है। Tata Group को ही चुनने को लेकर उन्होंने कहा कि

'वो टाटा को जानते हैं, उनके काम और ईमारदारी से वो परिचित हैं। मुझे टाटा कल्चर और जीवन को लेकर उनके मूल्यों का सम्मान पसंद हैं। मुझे भरोसा है कि देश की पुरानी कंपनियों में से एक टाटा उनकी इस कंपनी को संभाल कर रखेगी। मेरी कंपनी को खरीदने के लिए कई बड़ी कंपनियां आक्रमक रूप से तैयार थी, लेकिन टाटा के भरोसे के कारण कंपनी ने उन्हें सौंपने का फैसला किया। इस डील को लेकर पिछले दो सालों में कई बार टाटा समूह के चैयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनिल डिसूजा से मिला, जिसके बाद मुझे भरोसा हो गया कि ये लोग काफी अच्छे हैं और मेरी कंपनी का अच्छे से बल्कि मुझसे बेहतर तरीके से ख्याल रखेंगे।'
रमेश चौहान, Bisleri के मालिक
बेटी संग रमेश चौहान

Bisleri के मालिक हुए काफी भावुक :

Bisleri कंपनी के मालिक रमेश चौहान इस मौके पर अपनी कंपनी को बेचने को लेकर काफी भावुक नज़र आए। उन्होंने कहा कि, 'मैंने ये फैसला पैसों के लिए नहीं लिया है। मैं कंपनी के भविष्य को लेकर चिंतित था। कंपनी को संभालने वाला कोई नहीं है, जो इसका ख्याल उस तरह से रखे जैसे मैंने रखा है। मैंने अपनी जिंदगी लगा दी है इस कंपनी को खड़ा करने में। जब बेटी की दिलचस्पी इस कारोबार को लेकर नहीं दिखी तो मुझे ये फैसला लेना पड़ा। मुझे पैसे नहीं बल्कि वैसे ही जुनूनी लोगों की तलाश थी, जो मेरी इस कंपनी को आगे ले जा सके।'

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