'चेम्पाकरमन पिल्लई' पर बनेगी बायोपिक
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भारत को 'जय हिंद' जैसा महान नारा देने वाले चेम्पाकरमन पिल्लई पर बनेगी बायोपिक

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज बॉलीवुड में ज्यातादर बायोपिक और हिस्ट्री को लेकर फिल्में बनाई जा रही हैं। जिन्हें जनता काफी पसंद भी कर रही है। पिछले कुछ समय से बॉलिवुड में महान हस्तियों की बायोपिक या किसी हादसे की स्टोरी को कवर करने का चलन काफी तेजी से ट्रेंड करता नज़र आ रहा है। वहीं, इसी कड़ी में अब भारत को 'जय हिंद' जैसा महान नारा देने वाले कभी न भुलाए जाने वाले हीरो (Unforgotton Hero) चेम्पाकरमन पिल्लई पर भी बायोपिक बनाई जाएगी। इस बारे में जानकारी देते हुए 15 अगस्त के शुभ मौके पर अंजुम रिज़वी, राघवेंद्र एन और रिजू बजाज ने घोषणा की है।

'चेम्पाकर्मन पिल्लई' पर बनेगी बायोपिक :

आज देशभर में कई नारे बोले जाते है। जो किसी न किसी महान स्वतंत्रता सेनानी द्वारा दिया गया है। इनमें से ज्यातर नारे देश का बच्चा बच्चा जनता है, लेकिन हम में से बहुत कम लोग नारे को देने वाले को जानते हैं। इन्हीं में से एक नारा 'जय हिंद' हैं। इस नारे को तो सभी जानते है, लेकिन इस नारे को देने वाले इंसान को बहुत कम ही लोग जानते होंगे। इसलिए इस नारे को देने वाले से रूबरू कराने के मकसद से इस नारे को देने वाले व्यक्ति स्वतंत्रता सेनानी चेम्पाकरमन पिल्लई की बायोपिक बनाई जाएगी। यदि आप भी यह जानना चाहते है कि, 'जय हिंद' शब्द कहां से आया तो आपको स्वतंत्रता सेनानी चेम्पाकरमन पिल्लई के जीवन पर आधारित बायोपिक को देखने जाना चाहिए। हालांकि, इसके लिए आपको कुछ समय का इंतज़ार करना होगा।

स्टूडियोज की घोषणा :

बताते चलें, अंजुम रिजवी फिल्म कंपनी, अनुराग एंटरटेनमेंट और लिफ्ट इंडिया स्टूडियोज ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा करते हुए कहा है कि, 'जय हिंद, अंग्रेजी में एक अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म बनाने की जी डॉ चेम्पकरमन पिल्लई के जीवन पर एक बायोपिक होगी जो एक राजनीतिक कार्यकर्ता और क्रांतिकारी थे जिन्होंने "जय हिंद" का नारा गढ़ा था।'

डॉ. चेम्पाकरमन पिल्लई ने 1907 में की थी कल्पना :

बता दें, डॉ. चेम्पाकरमन पिल्लई ने 1907 में "जय हिंद" शब्द की कल्पना की, जिसे 1940 के दशक में आबिद हसन सफरानी के सुझाव पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना के नारे के रूप में अपनाया गया था। भारत की स्वतंत्रता के बाद, जय हिंद भारत के राष्ट्रीय नारे के रूप में उभर कर आया और जिसका आज देश की सेनाओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। वहीं, प्रथम विश्व युद्ध के फैलने के बाद, पिल्लई स्ज्यूरिख में अंतर्राष्ट्रीय भारत समर्थक समिति की स्थापना की। बाद में उन्होंने इसे बर्लिन समिति में मिला दिया, जो यूरोप में सभी भारतीय समर्थक क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए मार्गदर्शक और नियंत्रण संस्था बन गई, जिसने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया।

भारतीयों को लिए अज्ञात है यह नाम :

पिल्लई एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने उस समय भारतीयों पर अपनी अपमानजनक टिप्पणियों के लिए एडॉल्फ हिटलर से लिखित माफी मांगने की हिम्मत की थी। हालांकि, चेम्पाकरमन पिल्लई नाम भी आज अधिकांश भारतीयों को अज्ञात लगता है। यदि फिल्म 'जय हिंद' की बात करें तो यह फिल्म चंपाकरमन पिल्लई और अन्य भूले हुए दिग्गजों के आसपास केंद्रित भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सच्ची घटनाओं पर आधारित बनाई गई है। जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक राजेश टचरिवर द्वारा लिखा और निर्देशित किया जाएगा।

इन भाषाओँ में रिलीज होगी फिल्म :

बता दें, यह फिल्म मुख्य रूप से अंग्रेजी भाषा में रिलीज होगी, लेकिन इस फिल्म को बाद में हिंदी और तमिल समेत अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओं में रिलीज की जाएगी। अंजुम रिज़वी, राघवेंद्र एन और रिजू बजाज अपने बैनर अंजुम रिज़वी फिल्म कंपनी, अनुराग एंटरटेनमेंट और लिफ्ट इंडिया स्टूडियो के तहत जय हिंद का निर्माण कर रहे हैं।

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