रोमांचक रही है पंकज त्रिपाठी की जिंदगी
रोमांचक रही है पंकज त्रिपाठी की जिंदगी Syed Dabeer Hussain - RE
सेलिब्रिटी

रोमांचक रही है पंकज त्रिपाठी की जिंदगी, जानिए कालीन भैया के जीवन से जुड़े मजेदार किस्सों के बारे में

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। अपनी शानदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले मिर्जापुर के ‘कालीन भैया’ उर्फ पंकज त्रिपाठी आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। 5 सिंतबर 1976 को बिहार के गोपालगंज में जन्मे पंकज त्रिपाठी ने अभिनेता बनने के लिए मुंबई में सालों तक काफी संघर्ष किया है। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद पंकज त्रिपाठी आज बॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं। पंकज त्रिपाठी को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से पहचान मिली और ‘मिर्जापुर’ में ‘कालीन भैया’ के किरदार ने उन्हें सफलता के नए शिखर पर पहुंचा दिया। आपको बता दें कि अभिनेता बनने से पहले पंकज त्रिपाठी ने होटल में भी काम किया है। इसके अलावा उन्होंने डॉक्टर बनने के लिए दो बार एंट्रेंस एग्जाम भी दिया है। तो चलिए पंकज त्रिपाठी के जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ मजेदार किस्से।

मनोज बाजपेयी को मानते हैं गुरु :

किसी समय पंकज त्रिपाठी मौर्या होटल में किचन सुपरवाइजर की नौकरी करते थे। एक दिन मनोज बाजपेयी वहां ठहरे और जाते समय अपनी चप्पल वहीं भूल गए। जब यह बात पंकज त्रिपाठी को पता चली तो उन्होंने स्टाफ से बात करके वह चप्पल अपने पास रख ली। दरअसल पंकज त्रिपाठी, मनोज बायपेयी को अपना गुरु मानते हैं और उन्हें लगता था कि यह चप्पल पहनने से उनका भी उद्धार हो जाएगा।

मनोज बाजपेयी को मानते हैं गुरु

जा चुके हैं जेल :

पंकज त्रिपाठी जेल की हवा भी खा चुके हैं। इस बात का खुलासा खुद उन्होंने ही किया था। पंकज त्रिपाठी के अनुसार स्टूडेंट पॉलिटिक्स के दौरान उन्होंने 7 दिन जेल में बिताए थे। इस दौरान उन्हें काफी मार भी पड़ी थी।

खा गए नदी के कीड़े :

जब पंकज त्रिपाठी छोटे थे तब उन्हें किसी ने कहा था कि तुम्हे अच्छा तैरना है तो नदी के कीड़े खा लो। इससे तुम कीड़ो की तरह तैरने लगोगे। ख़ास बात यह है कि पंकज ने भी इसे सच मान लिया और नदी में से कीड़ों वाला पानी भी हाथों में लेकर पी लिया।

डॉक्टर बनने के लिए दिया एग्जाम :

पंकज त्रिपाठी के पिताजी उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। इसके लिए पंकज त्रिपाठी ने दो बार एंट्रेस एग्जाम भी दिया था, लेकिन वह असफल रहे। इसके बाद उन्होंने पिताजी से कहा कि वह ड्रामा स्कूल में पढ़ना चाहते हैं। इस पर उनके पिताजी ने पूछा कि, ‘इस पढ़ाई से नौकरी मिल जाएगी।’ तो पंकज ने उन्हें बताया कि, ‘इससे सरकारी टीचर की नौकरी मिल जाएगी।’ यह सुनकर उनके पिताजी निश्चिंत हो गए।

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