बंगाल की सियासत में भूचाल- 4 तत्कालीन मंत्रियों को CBI ने किया गिरफ्तार
बंगाल की सियासत में भूचाल- 4 तत्कालीन मंत्रियों को CBI ने किया गिरफ्तार Social Media
भारत

बंगाल की सियासत में भूचाल- 4 तत्कालीन मंत्रियों को CBI ने किया गिरफ्तार

Author : Priyanka Sahu

पश्चिम बंगाल, भारत। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार बने हुए एक महीना भी नहीं हुआ और बंगाल सरकार के 4 तत्कालीन मंत्रियों पर आज सोमवार सुबह CBI ने एक्‍शन लिया है।

TMC नेताओं को CBI दफ्तर लाने पर बंगाल सियासत में भूचाल :

दरअसल, CBI ने नारदा घोटाले पर जांच फिर से शुरू की और आज इस इस घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की और फिर चारों को सीबीआई दफ्तर लाया गया है। इसके बाद TMC के चारों नेताओं को CBI ने गिरफ़्तार कर लिया। सीबीआई के नारदा घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ़्तार करने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल मच गया।

सीबीआई के अफसर ममता के मंत्रियों और विधायक से पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई के मुख्य सूचना अधिकारी आर.सी. जोशी ने बताया- सीबीआई ने नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के 4 तत्कालीन मंत्रियों (फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी) को गिरफ़्तार किया है।

TMC नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन :

माना जा रहा है कि, सीबीआइ आज ही इन्हें कोर्ट में पेश करेगी तथा आज ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। तीनों नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी समझे जाते हैं। बताया जा रहा है कि, इस बीच राज्‍य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कोलकाता में CBI दफ्तर पहुंची है एवं TMC नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन भी होने लगा है। कोलकाता में सीबीआई दफ़्तर के बाहर तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं को गिरफ़्तारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस के समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, आज सुबह जब CBI की टीम इन नेताओं के घर पर पहुंची थी, तो इस दौरान सीबीआइ के साथ सेंट्रल फोर्स के जवान भी थे और इन लोगों को सीबीआइ के अधिकारी निजाम पैलेस ले आए हैं। जांच एजेंसी के सूत्रों द्वारा बताया गया कि, इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता थी और गवर्नर जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति पहले ही दे दी है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति की जरूरत नहीं है।

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