कोई भी राज्य पूर्ण लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं : दुष्यंत चौटाला
कोई भी राज्य पूर्ण लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं : दुष्यंत चौटाला Social Media
हरियाणा

कोई भी राज्य पूर्ण लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं : दुष्यंत चौटाला

Author : Rishabh Jat

राज एक्सप्रेस। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि वर्तमान समय में कोई भी राज्य पूर्ण लॉकडाउन खोलने के पक्ष में नहीं है। जहां तक शराब की दुकानें खोलने की बात है तो 3 मई तक यह पूर्णत: बंद रहेंगी। संकट की इस घड़ी को देखते हुए सरकारों को केवल राजस्व के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि एकजुटता के साथ केन्द्र सरकार का सहयोग करना चाहिए ताकि कोविड-19 महामारी पर शीघ्रता से नियंत्रण पाया जा सके।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए हरियाणा ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रबन्ध किये हैं और इसके चलते राज्य में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों की दर राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालन में राज्य में औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से सामान्य स्थिति की ओर ले जाने की पहल की गई है और इनको पुन: संचालित करने के लिए उद्योगों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। उन्होंने कहा है कि उद्योगों की श्रमशक्ति की संख्या के अनुरूप संचालित करने की अनुमति प्रदान करने के लिए खंड, जिला व राज्य स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि हर चीज को हर जगह एक साथ नहीं किया जा सकता है। इसलिए स्थिति के अनुसार धीरे-धीरे चीजों को खोलना होगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान से रोकने के लिए रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की बिक्री व उत्पादन को पहले खोलने का निर्णय लिया गया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद परिवारों को ‘डिस्ट्रेस राशन टोकन’ भी जारी किये गए हैं और इस टोकन से जरूरतमंद परिवार दुकानों से नि:शुल्क राशन ले सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री कहा है कि हरियाणा का अन्नदाता किसान मेहनती है और प्रदेश में किसी को भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। यह सरकार तथा किसान दोनो की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि के चलते सरसों व गेहूं की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चलाई जा रही है और किसान सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए मंडियों में अपनी उपज बेच रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भी खरीद केन्द्र में किसान अपनी उपज की बिक्री करना चाहेगा, आढ़ती को उसी खरीद केन्द्र में खरीद करनी होगी। एक आढ़ती तीन-चार खरीद केन्द्रों में फसल खरीद सकता है बशर्ते कि किसान उस केन्द्र में अपनी उपज बेचने के लिए तैयार हो।

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