सूर्य ग्रहण का केंद्र धर्मनगरी कुरूक्षेत्र रहा। आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट 35 सेकेंड पर सूर्यग्रहण आरंभ हुआ। सूर्यग्रहण की अवधि 3 घंटे 26 मिनट 21 सेकेंड रही। दोपहर 12 बजकर 1 मिनट 28 सेकेंड से 55 सेकेंड तक सूर्य को चंद्रमा ने 27 सेकेंड के लिए 98.95 फीसदी तक ढंक लिया और सूर्य की कंगनाकार आकृति बनी।
हरियाणा के एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुरूक्षेत्र जिला के गांव भौर सैंयदा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार एवं हरियाणा सरकार की ओर से विशेष टेलीस्कोप लगाया गया था, जहां पर सूर्य ग्रहण का मुख्य केंद्र था। इसके साथ ही ब्रह्मसरोवर के तट पर भी एक विशेष टेलीस्कोप लगाया गया था। इस टेलिस्कोप को ब्रह्मसरोवर के तट पर लगाने का पीछे वैज्ञानिकों की लम्बी सोच है।
उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक इस विषय पर शोध करना चाहते हैं कि आखिरकार सूर्य ग्रहण का कुरूक्षेत्र में मुख्य केन्द्र होने के पीछे क्या वैज्ञानिक तथ्य है। ब्रह्मसरोवर और भौर सैंयदा में लगाए गए टेलिस्कोप से सूर्य ग्रहण का लाइव प्रसारण किया गया। यही नहीं कुरूक्षेत्र सहित हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में 30 स्थानों पर कंगनाकार ग्रहण का दृश्य नजर आया।
बता दें कि सूर्य के कंगनाकार आकृति बनने की शुरूआत राजस्थान के घरसाना स्थान से शुरू हुई। राजस्थान के अलावा हरियाणा में 12 जगह पर कंगनाकार आकृति को लोगों ने देखा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में एक जगह बेहट में ही कंगनाकार सूर्यग्रहण दिखाई दिया। उत्तराखंड में 12 और राजस्थान में 5 जगहों पर सूर्यग्रहण का कंगनाकार दृश्य नजर आया।
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