लॉकडाउन के बाद क्‍या खुलेंगा, गृह मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन
लॉकडाउन के बाद क्‍या खुलेंगा, गृह मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन Social Media
भारत

लॉकडाउन के बाद क्‍या खुलेगा, गृह मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन

Author : Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते जारी लॉकडाउन के कारण कई काम पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। इसी बीच तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई को खत्म हो रहा है यानी अभी 7 दिन बाकी हैं, लेकिन गृह मंत्रालय की तरफ से आज 10 मई को नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है, जिसमें लॉकडाउन खत्‍म होने के बाद विनिर्माण उद्योगों को फिर से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, "किसी भी यूनिट में काम शुरू होने के पहले हफ्ते को ट्रायल या टेस्ट रन माना जाए। कारखानों में सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया जाए। किसी भी रूप में ज्यादा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित न करें।"

लॉकडाउन के चलते कई हफ्ते से इंडस्ट्रियल यूनिट्स बंद हैं। ऐसे में संभव है कि ऑपरेटर फैक्ट्री चलाने के मानक तरीके लागू न कर पाए हों। इसके चलते पाइपलाइन, वॉल्व से केमिकल लीकेज आदि का खतरा हो सकता है। फैक्ट्रियों के बंद रहने के चलते मशीनों और उपकरणों का भी मेंटेनेंस नहीं हो पाया है, लिहाजा उनसे भी खतरा हो सकता है।
प्राधिकरण के सचिव जीवीवी सरमा

गाइडलाइन के तहत इन बातों का रखना होगा ध्‍यान :

  • कोई कर्मचारी जिस भी मशीन/उपकरण पर काम कर रहा हो, उसका सैनिटाइजेशन किया जाए।

  • यह भी सुनिश्चित करें कि उसमें कहीं कोई तार खुला न हो, लीकेज न हो और खतरे के संकेत न मिलें।

  • फैक्ट्री में दोबारा काम शुरू करने के पहले सभी उपकरणों को जांच लें, सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान रखें।

  • अगर फैक्ट्री के प्रबंधन/संचालन में किसी भी तरह की परेशानी हो तो स्थानीय प्रशासन की मदद ली जा सकती है।

  • फैक्ट्रियां हर 2-3 घंटे में एक सैनिटाइजेशन रुटीन बनाए रखें।

  • फैक्ट्री या यूनिट में डाइनिंग हॉल और वर्क फ्लोर फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी है।

  • जिन वर्कर्स में (COVID-19 के) लक्षण दिख रहे हों, उन्हें काम पर नहीं होना चाहिए।

  • सभी फैक्ट्रियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ग्लव्स, मास्क और हैंड सैनेटाइजर मुहैया कराए जाने चाहिए।

  • गाइडलाइंस के मुताबिक, प्रबंधन और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ को एक शिफ्ट में 33% क्षमता के साथ काम करना चाहिए।

  • 24 घंटे काम करने वाली यूनिट और फैक्ट्री में शिफ्ट के बीच में एक घंटे का गैप जरूरी है। उन फैक्ट्रीज, प्लांट्स को छोड़कर जहां लगातार काम करना अनिवार्य है।

विशाखापट्टनम हादसे के बाद सुरक्षा को सख्ती :

इस दौरान इस नई गाइडलाइन में साफतौर पर ये बात भी कही गई है कि, लॉकडाउन की वजह से काफी लंबे समय से बंद पड़ी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में पाइपलाइन और वाल्व से केमिकल का रिसाव हो सकता है, इससे वहां के कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है, इसलिए केमिकल की सुरक्षा को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कुछ दिन पहले आंध प्रदेश के विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर की एक कंपनी से खतरनाक गैस का रिसाव हो गया था, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई थी। लॉकडाउन के कारण कंपनी कई दिन से बंद थी।

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