राज एक्सप्रेस। यूरोपीय यूनियन (EU) के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल (European Union MP) जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है। अपने दौरे के पहले दिन EU सांसदों ने श्रीनगर में पंच-सरपंचों, छात्र-छात्राओं, महिलाओं, व्यापारियों और फल उत्पादकों से मुलाकात की, इसके अलावा डल झील में शिकारे से सैर की।
राज्य के हालातों का दिया ब्यौरा :
साथ ही EU सांसदों को सेना के कमांडरों ने कश्मीर की स्थिति की जानकारी भी दी। EU सांसदों को मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और डीजीपी ने भी राज्य के हालात का ब्यौरा दिया।
4 सांसद दिल्ली से वापस लौटे :
बता दें कि, यूरोपीय यूनियन के 27 सांसद कश्मीर जाने वाले थे, लेकिन इनमें से 4 सांसद दिल्ली से वापस लौट गए, क्योंकि इन चारों की बिना सुरक्षा स्थानीय लोगों से मुलाकात की मांग थी, जिसे सरकार ने नहीं माना।
EU सांसदों के दौरे का विरोध :
EU सांसदों के दौरे का कांग्रेस एवं पीडीपी नेता विरोध जता रहे हैं और इसे भारतीय संसद व सांसदों के विशेष अधिकारों का हनन बताया, तो इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि, ''जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के बाद हमने किसी को नहीं रोका। कांग्रेस और अन्य दल चाहें, तो कश्मीर घूमकर आ सकते हैं।''
कांग्रेस नेता भी घूमें उन्हें किसने रोका :
जब अनुच्छेद-370 हटा था, तब शांति-व्यवस्था के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए गए थे, हालात सामान्य होते ही सब रोक हटा ली गई। अब हमारे पास कुछ छिपाने को नहीं, सिर्फ दिखाने को है। कश्मीर जाना है, तो कांग्रेस के नेता भी फ्लाइट पकड़कर जा सकते हैं। गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, सैर करें, घूमें-टहलें। उन्हें किसने रोका है? देशी-विदेशी सभी पर्यटकों के लिए कश्मीर को खोल दिया गया है। ऐसे में विदेशी सांसदों के दौरे को लेकर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं।भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन
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