गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी के नाम की घोषणा की
गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी के नाम की घोषणा की  Social Media
जम्मू और कश्मीर

गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी के नाम की घोषणा की व अपनी पार्टी के झंडे का अनावरण किया

Priyanka Sahu

जम्मू-कश्मीर, भारत। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस पार्टी से 51 साल का नाता तोड़ने के बाद आखिरकार अलग अपनी नई पार्टी बना ही ली है। साथ ही अपनी पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया।आइये जानते है, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी इस पार्टी का क्‍या नाम रखा है।

पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा :

दरअसल, शरादीय नवरात्रि के महापर्व के पहले दिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया है। उन्होंने पार्टी का नाम 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' रखा है। तो वहीं, गुलाम नबी आजाद ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के नाम के ऐलान के दौरान अपनी प्रतिक्रिया भी दी, जिसमें उन्‍होंने अपनी नई पार्टी को लेकर बताया कि, ''मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण 'हिन्दुस्तानी' है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।''

पार्टी का नाम है 'डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी'। डेमोक्रेसी डेमोक्रेटिक के लिए है कि पूरी स्वतंत्र होगी। जिसका मैंने उल्लेख किया कि अपनी सोच होगी। किसी भी पार्टी या नेता से प्रभावित नहीं होगी और आज़ाद रहेगी।
गुलाम नबी आजाद

पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया :

इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' नाम के अलावा अपनी पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया और झंडे के रंगों के बारे में कहा कि, ''झंडे का पीला रंग रचनात्मकता, एकता और विविधता को दर्शाता है। सफेद रंग शांति और नीला रंग स्वतंत्रता, खुले विचार, कल्पना और सागर की गहराई से आकाश की ऊंचाई तक को दिखाता है। ''

हमारी राजनीति जाति या धर्म पर आधारित नहीं होगी :

तो वहीं, जम्मू में मीडिया से बातचीत में उन्होंने आगे यह बात भी कहीं कि, ''हमारी राजनीति जाति या धर्म पर आधारित नहीं होगी। हम सभी धर्मों और राजनीतिक दलों का सम्मान करेंगे। मैंने कभी किसी पार्टी या नेताओं पर निजी हमले नहीं किए, मैं नीतियों की आलोचना करता हूं, हमें राजनीतिक नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने से बचना चाहिए।''

बता दें कि, बीते माह में 26 अगस्त को जी-23 नेताओं में शामिल 73 वर्षीय गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

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