वन विभाग की भूमि पर बन गया पीएम आवास
वन विभाग की भूमि पर बन गया पीएम आवास Raj Express
मध्य प्रदेश

Anuppur : वन विभाग की भूमि पर बन गया पीएम आवास

राज एक्सप्रेस

वनों को सुरक्षित रखने व विकास के लिये जिले भर के परिक्षत्रों में वीट गार्डो व चौंकीदारों को तैनात कर 24 घंटे देखरेख करने का जिम्मा दिया गया है, लेकिन चंद लालच की वजह से वन विभाग की भूमि को अतिक्रमण के दायरे में पहुंचा देते हैं, यही कारण है कि वीट गार्ड राजबली साकेत जैसे वनरक्षक अपने चहेतों को प्रधानमंत्री आवास बनाने की छूट देते हैं।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। वनमण्डाधिकारी और उप वनमण्डाधिकारी सहित परिक्षेत्राधिकारी की गाड़ियों में लाखो रूपये के डीजल भ्रमण के नाम पर खर्च हो जाते होगें, लेकिन जहां पहुंचना होता है, वहां न पहुंचकर अन्यत्र निरीक्षण कर ड्यूटी पूरी कर लेते हैं। या फिर उनके ही कर्मचारी उन्हें भ्रमित कर ऐसे स्थानों का चयन करते हैं, जहां भ्रष्टाचार, अतिक्रमण, खराब पेड़-पौधे व संरक्षित वन दिखाई ही न दे। यही कारण है कि लाखो पौधे सूख जाते हैं, एक महीने में प्रधानमंत्री आवास बन जाते हैं व सैकड़ो पेड़ काट लिये जाते हैं।

पीएफ 352 में बना पीएम आवास :

वन मंडल अनूपपुर अंतर्गत वन परिक्षेत्र अनूपपुर के सोन मौहरी बीट अंतर्गत वन कक्ष क्रमांक पीएफ 352 में बीट गार्ड राजबली साकेत के द्वारा अवैध तरीके से ग्राम छुलहा निवासी मोहन पिता पंचू चर्मकार व मीरा बाई पति पुरषोत्तम चर्मकार को वन की भूमि में प्रधानमंत्री आवास बनाने का इजाजत दे दी, जिसके बाद मोहन के नाम स्वीकृत पीएम आवास वन विभाग की भूमि पर बनकर तैयार हो गया। आज तक यह बात न तो उच्चाधिकारियों के पास पहुंची और ना ही निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य पाया गया। या फिर सब कुछ जानते हुये भी अधिकारी अंजान बने हुये हैं।

कई वर्षो से पदस्थ है वनरक्षक :

बीट सोन मौहरी में लगभग 5 वर्षो से राजबली साकेत वनरक्षक के पद पर सेवायें दे रहा है, ग्रामीणों के साथ मिलकर वन क्षेत्र की सीमाओं में अतिक्रमण कराने में जुटे रहते हैं, वहीं ग्रामीणों को आवश्यकता अनुसार हरे भरे पेड़ो को कटाने की अनुमति भी दे देते हैं। वर्तमान स्थिति में बीट सोनमौहरी के कक्ष क्रमांक 352 में 2 प्रधानमंत्री आवास बन चुके हैं, और बाकी कच्चे मकान बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इतना ही नहीं ग्रामीणो के द्वारा कई और आवास बनाने की योजना चल रही है। समय रहते अगर बीट गार्ड पर कार्यवाही नहीं की गई तो बीट पर अतिक्रमण का दायरा बढ़ता चला जायेगा।

आग लगने की नहीं हुई जांच :

बीट सोनमौहरी के आर एफ क्रमांक 351 में वर्ष 2017-18 के दौरान 25 हेक्टेयर पर वैकाल्पिक मिश्रित वृक्षारोपण विभाग के द्वारा किया गया था, लेकिन राजबली साकेत के लापरवाही के कारण बीते ग्रीष्म काल के दौरान हजारों पेड़-पौधे जलकर खाक हो गये, लेकिन आज तक उच्चाधिकारियों ने इसकी जांच नहीं की और ना ही आग लगने का कारण जानने का प्रयास किया गया। कुल मिलाकर रीवा से चलकर अनूपपुर में अपनी सेवाएं देने वाला राजबली मैनेजमेंंट में माहिर होने के कारण अधिकारियों को अपने झांसे में लेकर सब कुछ ठीक कर देता है। इसलिये आज भी अपनी नौकरी में सुरक्षित पाया जाता है।

गांव में चौंकीदार, अनूपपुर में बीट गार्ड :

बीट सोनमौहरी के वनरक्षक राजबली साकेत को अधिकारियों ने अनूपपुर में रहने के निर्देश दिये हैं, वहीं चौकीदार अपने घर में रहता है और जंगल की रखवाली भगवान भरोसे चल रही है, चूंकि वहां रहने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण दोनों को यह सुविधा प्रदान की गई है, जबकि अस्थाई तौर पर व्यवस्था कर विभाग को वनो की सुरक्षा के लिये दोनो को तैनात करना चाहिये, लेकिन जुगाड़ के दम पर महीनो जंगलो को देखने भी नहीं जाते हैं और बीट गार्ड अनूपपुर मुख्यालय में अपना समय बिताते हैं व चौंकीदार अपने घर की जिम्मेदारी निभा रहा है।

इनका कहना है :

हो सकता है उनको वन अधिकार का पट्टा मिला हो, इसलिये बनाये होगें। मैनें बनाने के लिये नहीं कहा है।
राजबली साकेत, वनरक्षक, बीट सोन मौहरी
मैं जल्द ही भ्रमण में जाकर निरीक्षण करूंगा, अगर वन विभाग की भूमि में अतिक्रमण होगा तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराउंगा।
संतोष श्रीवास्तव, डिप्टी रेंजर, वन परिक्षेत्र अनूपपुर
मैंं तत्काल डिप्टी रेंजर से बात कर इसकी जानकारी लेता हूं। अगर वन विभाग की भूमि में पीएम आवास व अन्य निर्माण कार्य किये गये होगें तो बीट गार्ड पर कार्यवाही की जाएगी।

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