छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर बवाल
छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर बवाल Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर बवाल: प्रशासन और जनता आमने-सामने

Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में अभी महात्मा गांधी जी की प्रतिमा को लेकर मचा बवाल शांत भी नहीं हुआ था कि, अब छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में नगरपालिका अधिकारियों द्वारा मोहगांव तिराहे से छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को हटाने को लेकर शिवसेना समेत हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर चक्काजाम किया। जिसके बाद विवाद बढ़ता देख नपा अधिकारियों ने 19 फरवरी को शिवाजी महाराज की जयंती पर प्रतिमा स्थापित करने का आश्वासन दिया जिसके बाद मामला शांत हो सका। वहीं मामले पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार पर साधा निशाना।

क्या है पूरा मामला :

जानकारी के मुताबिक, यह मामला छिंदवाड़ा जिले के सौंसर का है जहां मोहगांव तिराहे पर हिंदू संगठन द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसे बीते दिन रात में नगरपालिका के अधिकारियों ने हटा दिया था, जिससे गुस्साए शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए 3 घंटे तक मोहगांव तिराहे पर चक्काजाम किया, जिससे नेशनल हाइवे समेत सामान्य यातायात प्रभावित रहा। वहीं क्षेत्र की दुकानें भी बंद रहीं। प्रशासन द्वारा पुन: प्रतिमा स्थापित कराने का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ और युवाओं द्वारा रैली निकाली गई। प्रशासन ने दावा करते हुए बताया कि, बीती जनवरी को लोगों ने प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर मांग की थी, जिसपर नपा अध्यक्ष ने प्रतिमा को एक जगह पर स्थापित करने की योजना बनाई थी, लेकिन हिंदूवादी संगठनों ने बिना अनुमति के चबूतरा बनाकर प्रतिमा की स्थापना कर दी, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई थी।

बैठक के बाद लिया निर्णय :

इस संबंध में विवाद को बढ़ते देख तहसील कार्यालय में अधिकारियों और विधायक की बैठक के बाद पुन: स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें आगामी 19 फरवरी को शिवाजी महाराज की जयंती पर धूमधाम से स्थापना की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कसा तंज :

वहीं मामले को सियासी मोड़ में जोड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर्श मानती है। उनका ऐसा अपमान क्या वे सह पाएंगे? कहा- अगर आपत्ति थी तो उनकी प्रतिमा को सम्मानजनक तरीके से भी हटाया जा सकता था, लेकिन उनका अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

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