पेसा जागरूकता सम्मेलन
पेसा जागरूकता सम्मेलन Social Media
मध्य प्रदेश

जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अब कोई शराब की दुकान ग्राम सभा की अनुमति के बिना नहीं खोली जायेगी: CM

Priyanka Yadav

मध्यप्रदेश। आज मध्यप्रदेश के बड़वानी के चाचरिया पाटी गाँव में पेसा जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, पेसा एक्ट किसी के विरुद्ध नहीं है, इससे हमारे जनजातीय समाज के भाई-बहन सशक्त होंगे, सामाजिक समरसता के साथ यह एक्ट 89 जनजातीय बाहुल्य ब्लॉकों में लागू होगा, शहरों में नहीं।

Barwani में आयोजित पेसा जागरूकता सम्मेलन

बिना जनजातीय भाई-बहनों की मर्जी के जनता की जमीन नहीं ली जाएगी: CM

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि, भगवान ने यह जल, जंगल, जमीन, हवा सबके लिए बनाई, लेकिन यह सबको उचित ढंग से नहीं मिला। एक ऐसा दौर चला कि इसके अधिकार कुछ लोगों की मुट्ठी में आ गये और कुछ लोग विकास की दौड़ में पीछे छूट गये। आज मैं जागरण की अलख जगाने आया हूँ। बिना जनजातीय भाई-बहनों की मर्जी के जनता की जमीन नहीं ली जाएगी।

आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि, पेसा एक्ट में अब हर साल पटवारी और बीट गार्ड को गांव का नक्शा, खसरे की नकल और बी1 की कॉपी ग्राम सभा में रखनी पड़ेगी, यह आवश्यक है, ताकि किसी की जमीन किसी के नाम हो, तो तत्काल पता चल जाएगा। जनजातीय बेटी से विवाह कर अब कोई जमीन अपने नाम नहीं लिखवा सकेगा। यदि छल, कपट से कोई धर्मांतरण करके जमीन ले लेता है, तो उस जमीन को वापस करवाने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा।

सीएम बोले- पेसा एक्ट में तय किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी को काम करने के लिए बाहर ले जायेगा, तो उसे इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी, ताकि बाहर जाने वाले हमारे भाई-बहन किसी मुसीबत में फंसें, तो उनकी मदद की जा सके, जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अब कोई शराब की दुकान ग्राम सभा की अनुमति के बिना नहीं खोली जायेगी। यदि किसी स्कूल, धर्मशाला, अस्पताल के आसपास दुकान हो, तो उसे वहां से हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा सरकार को भेज सकेगी।

  • गांवों में होने वाले छोटे-मोटे झगड़ों को निपटाने का अधिकार गांव की 'शांति और विवाद निवारण समिति' को होगा, बड़े मामले ही पुलिस के पास तक जायेंगे।

  • ढंग से आंगनवाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र चले, इसकी जिम्मेदारी भी ग्राम सभा की होगी, प्रत्येक ग्राम सभा में एक तिहाई बहनों का प्रतिनिधित्व होगा।

  • अब समय आ गया है कि भारत में एक समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। एक देश में दो विधान क्यों चले। समान नागरिक संहिता के लिए मैं मध्यप्रदेश में कमेटी बना रहा हूँ।

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