ठगी के जाल में छटपटा रहा है आम आदमी
ठगी के जाल में छटपटा रहा है आम आदमी Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

इंदौर : ठगी के जाल में छटपटा रहा है आम आदमी

Author : Pradeep Chauhan

हाइलाइट्स :

  • हाईटेक तरीके से हो रही वारदातें

  • दूसरे राज्यों के ठग भी सक्रिय हो रहे हैं इंदौर में

इंदौर, मध्यप्रदेश। हाईटेक ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ठग ऐसा जाल बुनते हैं कि युवाओं से लेकर सीनियर सिटीजन्स भी इनके झांसे में आ जाते हैं। नौकरी के नाम पर, कभी पैसे दुगने करने के नाम पर, सस्ती वस्तुएं, बैंक अधिकारी बनकर, आन लाइन आदि तरीके से ठग आम आदमी को झांसा देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प लेते हैं। अब तो कोरोना वेक्सीनेशन के नाम पर भी ठगी की वारदातें होने लगी हैं। स्टेट सायबर सेल ने तो इसके लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। खाते हैक कर हैकर कई बार खातों से लाखों रुपए निकाल लेते हैं। इस तरह के अनेक मामले पूर्व में भी आ चुके हैं। पुलिस, सायबर एक्सपर्टस, बैंक अफसर आदि मिलकर आम लोगों को इस तरह की ठगी के जाल में फंसने से बचने के लिए जागरुकता के अभियान चलाते हैं इसके बाद भी लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। करीब तीन वर्ष में सीनियर सिटीजन्स से 1.80 करोड़ रुपए की ठगी, मप्र शासन के अफसरों को सेटलमेंट के नाम पर ठगी, फर्जी कंसल्टेंसी बनाकर ठगी जैसे मामलों के साथ ही ओएलएक्स के माध्यम से ठगी करने जैसे मामले भी सामने आए हैं। क्राइम ब्रांच ने तो ओएलएक्स के माध्यम से ठगी और फ्राड करने वाले 79 आरोपियों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया है। इसमें कुछ आरोपियों को दबौच भी लिया गया है। कुछ अरसा पहले ही इंदौर में बैठकर अमेरिकन्स से करोड़ों डालर की ठगी करने वाली गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। इस तरह के मामले सामने आने के बाद अब ठगी से बचने के लिए अलर्ट रहना बेहद जरुरी है क्यों कि हमें ये भी याद रखना होगा कि ठग भी अब हाईटेक हो गए हैं। अनलाक के बाद पुलिस के पास 100 से ज्यादा सायबर क्राइम की शिकायतें पहुंची थी, तात्कालीन डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने उन मामलों की जांच के लिए एक स्पेशल सेल भी बनाई थी।

कैसी-कैसी ठगी की वारदातें :

इंटरनेट के प्रयोग के साथ ही सायबर क्राइम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आन लाइन ठगी के कई मामले सामने आते रहते हैं। बैंक खाता हैक कर उसमें से आन लाइन ट्रांजेक्शन कर लाखों रुपए उड़ा देना तो हैकर के लिए बेहद आसान है। एटीएम का क्लोन कर खाते से पैसे निकालना या फिर लाखों रुपए की खरीदी करने वाले गैंग भी पूर्व में पकड़े जा चुके हैं। मोबाइल पर बैंक अफसर बनकर खाते की जानकारी और ओटीपी नंबर पूछकर खाते से पैसा निकालना तो आम बात हो गई है। इसके साथ ही सरकारी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले तो सालों से हो रहे हैं। नकली पुलिस बनकर वारदात का डर बताकर महिलाओं से गहने उतरवाना और हाथ की सफाई से जेवर गायब देने के सैकड़ों मामले तो अभी तक अनसुलझे हैं। शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी और सोने के जेवर चमकाने के नाम पर ठगी जैसे कई मामले सुर्खियों में आते रहते हैं। इसके साथ ही ओएलएक्स जैसे एप पर सस्ती वस्तु का झांसा देकर या फिर अपने आपको आर्मी या सरकारी अफसर बताकर ठगी की भी ढ़ेरों शिकायतें मिलती रहती हैं। पुलिस और सायबर एक्सपर्टस अक्सर इस तरह की ठगी से बचने के लिए आम लोगों को जागरुक करने के अभियान चलाए जातें, अलर्ट रहने की अपील की जाती है । उसके बाद भी लोग जागरुक नहीं होते।

लालच करेंगे तो फंस जाएंगे सायबर क्राइम के जाल में :

वैसे ठगी के मामलों में ज्यादातर लोग लालच में फंसकर ठगी का शिकार हो जाते हैं। सोना हो या पैसा दुगना करने के नाम पर ठगी के मामले भी कम नहीं होते। कई बार को गढ़ा सोना या फिर पुराने सोने की ईंट पर भी लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। कुछ दिनों पहले राजेंद्रनगर इलाके के दो दुकानदार तंत्र-मंत्र के जरिए दुकानदारी चमकाने के नाम पर लाखों की ठगी का शिकार हो गए थे, पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर आरोपियों को दबौच लिया था। इसलिए इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे लालच से दूर रहें क्यों कि बिना मेहनत पैसा नहीं मिलता। इस बात को याद रखेंगे तो भी ठगी से बच सकेंगे।

कोरोना और ठगी के मामले :

कोरोना काल में लाकडाउन और अनलाक के बाद ठगी के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। वैसे ठगों की वारदातों से पुलिस का रिकार्ड भरा पड़ा है। अब तो ठगी के बड़े ही अजब तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ठगी के कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं।

ओएलएक्स पर आर्मीमैन बनकर ठगी :

मार्च 2020-क्राइम ब्रांच की फ्राड इंवेस्टिगेशन टीम ने ओएलएक्स पर आर्मी मैन बनकर बाइक बेचने के नाम पर 10 हजार रुपए की ठगी करने वाले शौकीन पिता फजरु मेव, ग्राम उठकी डल्ला, थाना सीकरी, भरतपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला है कि राजस्थान के दर्जनों गांवों में इस तरह की ठगी करने वाले सक्रिय हैं।

सरकारी नौकरी का झांसा देकर वारदात :

मार्च 2021-मंत्री के नाम पर सरकारी नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले सांवेर के निवासी रोहित बैरागी को पुलिस ने पकड़ा। उसने करीब 150 लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी की वारदात की। आरोपी ने प्रत्येक से लाखों रुपए की वसूली की है। ठगी का आंकड़ा करोड़ों तक पहुंचने की संभावना है। वैसे इसके एक साथी हर्षल मेहता को देवास से हिरासत में लिया है।

मार्च 2021- गुजरात के ठगों ने बालाजी ट्रेडर्स के नाम से फर्जी एडवाइजरी कंपनी बनाई और गुजरात, मप्र एवं झारखंड में कई लोगों से निवेश के नाम पर लाखों की ठगी कर डाली। पुलिस ने शैलेंद्र राजावत, दीप बामने एवं मातहर मेहरा को गिरफ्तार किया।

राजस्थान का ठग गैंग :

जनवरी 2021-नामी ज्वेलर्स के नाम पर ठगी करने वाली गैंग के दो सदस्यों राजस्थान के निवासी रामकृष्ण पुरोहित एवं शैतानसिंह राजपूत उर्फ प्रदीप राठौड़ को गिरफ्तार किया गया। चार लोगों की गैंग ने पंजाब ज्वेलर्स के साथ करीब 4 लाख की ठगी की थी। गैंग के सदस्य मोबाइल पर किसी महानगर के बड़े ज्वेलर्स की आईडी हैक कर इंदौर के ज्वेलर्स से लाखों रुपए की मदद मांगते थे। जब काल आए मोबाइल पर फोन किया जाता था तो ज्वेलर्स का नाम और नाम दिखता था, इस पर भरोसा कर ज्वेलर्स पैसे दे देते थे। पंजाब ज्वेलर्स के साथ इस तरह की ठगी होने पर मैनेजर ने स्टेट सायबर सेल को शिकायत की थी।

सुलेमानी पत्थर और रामदरबार पत्थर के नाम पर चूना :

जनवरी 2021-सुलेमानी पत्थर और रामदरबार पत्थर के नाम पर 50 हजार की ठगी करने वाले गुजरात के प्रमोद नाहटा एवं कौशिक को गिरफ्तार किया गया। ये इन पत्थरों को चमत्कारी बताते हुए कुछ जादू बताकर शिकार को अपने जाल में फंसाते थे। बताते हैं कि गुजरात के ये दोनों ठग अलादीन के चिराग के नाम पर भी लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर चुके हैं।

नकली पेटीएम से युवती ने दुकानदार को दिया धोखा :

जनवरी 2021-पेटीएम के नकली मैसेज दिखाकर एक युवती अपोलो टावर में 17 हजार रुपए की ठगी कर डाली, कोठारी मार्केट की भी एक दुकान से 3600 रुपए के जूते खरीदे। इन दोनों वारदातों के बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच को युवती की करतूत का पता चला। बाद में युवती को पकड़ लिया गया।

इंदौर में बैठकर अमेरिकन्स से ठगी :

नवंबर 2020 क्राइम ब्रांच ने दूसरी बार अमेरिकन्स से ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया था। पहली बार स्टेट सायबर सेल ने जून 2019 में प्रदेश के सबसे बड़े आन लाइन ठग गैंग का पर्दाफाश कर काल सेंटर्स पर छापे मारकर 78 आरोपियों को बंदी बनाया। ये लोग अमेरिकन्स को फोन कर अपने आपको अफसर बताकर कार्रवाई का डर बताकर करोड़ों डालर की ठगी कर चुके हैं। इसके बाद नवंबर 2020 में क्राइम ब्रांच ने दो दर्जन से ज्यादा आरोपियों को दबौचा था जो इंदौर में बैठकर अमेरिकन्स से डालर की ठगी कर रहे थे। ये भी अमेरिकन्स को कार्रवाई का डर बताते हुए ठगी कर रहे थे।

फर्जी सेबी अफसर बनकर ठगी :

दिसंबर 2019 में ही फर्जी सेबी अफसर बनकर फर्जी एडवाइजरी कंपनी के जरिए ठगी का मामला सामने आया। एसटीएफ ने फर्जी सेबी अफसर बनकर जीएसटी शुल्क के नाम पर ठगी करने वाले मिहिर हार्डिया, यौवन विश्वकर्मा को पकड़ा तो पूछताछ में खुलासा हुआ कि मिहिर हार्डिया व यौवन विश्वकर्मा ने अपने अन्य साथी के साथ मिलकर एक फर्जी एडवाइजरी कंपनी मनीगेन रिसर्च फाइनेंशियल सर्विसेज बना रखी थी। इस कंपनी में शुद्ध रूप से ठगी की जाकर आईडीबीआई बैंक के खाते में ठगी की राशि प्राप्त की जा रही थी। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि आरोपियों ने अपने साथी नवीन शर्मा निवासी भोपाल और शुभम शर्मा निवासी रंगवासा के साथ मिलकर एक नई कंपनी बनाई थी वह भी ठगी में लिप्त थी।

अफसरों को भी लगा दी चपत :

दिसंबर 2019 में फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर मप्र शासन के अफसरों को ये धमकी दी गई कि आपके खिलाफ आय से अधिक संपंति एवं भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है। फोन करने वालों ने अपने आपको अफसर बताते हुए सेटलमेंट के नाम पर लाखों की ठगी कर डाली। इस मामले में नीरज कुमार उर्फ आशीष वर्मा, धीरज साहनी, कमलेश शर्मा को स्टेट सायबर सेल ने पकड़ा। ये गैंग हरियाणा, यूपी में भी इसी तरह वारदात कर चुका है। पूछताछ जारी है।

नौकरी दिलाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी :

दिसंबर 2019 में ही क्राइम ब्रांच ने एक करोड़ रुपए की ठगी करने वाली फर्जी कंसल्टेंसी का भंडाफोड़ कर आरकेडी सर्विस सेंटर पर छापा मारकर अनीस पिता राधाकृष्ण, यूपी हाल मुकाम - नंदा नगर, बृजेश पिता भोलानाथ सेन, यूपी, अमनदीप कौर पिता गुरसैल सिंह, गंगानगर राजस्थान, हाल मुकाम नंदा नगर एवं लेखना पिता अनिल भार्गव, आदर्श बिजासन नगर को पकड़ा। ये गैंग नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी करता था। छापे के दौरान 14 एटीएम कार्ड, 34 मोबाईल, 52 फर्जी सिम, 3 लैपटॉप, एक्टिवा, तथा रूपयों व ग्राहकों की जानकारी लिखे हुये 16 रजिस्टर बरामद हुए हैं। गैंग बेरोजगारों को टाटा मोटर्स, रिलायंस जियो, मारूति सुजुकी, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक, ब्रिटानिया फूड कंपनी, महिन्द्रा मोटर्स आदि कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वारदात को अंजाम देता था। अभी तक करीब एक करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में भी सुराग मिले हैं, उनके पकड़े जाने पर कई नए मामलों का खुलासा हो सकता है।

बिजनैस प्रोफाइल बनाकर पूरे देश में ठगी :

जुलाई 2019 में लाखों रुपए की आन लाइन ठगी का मामला सामने आया। कृष्णा सोनी, अमित कुमार, रवि कुमार, रोशनी एवं जनक मेहता ने गूगल पर बिजनैस प्रोफाइल बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। इन लोगों ने ई कामर्स की फ्रेंजाइजी के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। इनके शिकार बिहार के नालंदा में रहने वाले मुकेश कुमार, बैंगलुरु के ओमप्रकाश नायक की शिकायत के बाद मामले की जांच हुई थी।

सीनियर सिटीजन्स से 1.80 करोड़ की ठगी :

जुलाई 2019 में ही सीनियर सिटीजन हरिकृष्ण शुक्ला, सुजाता देशमुख, अनिल कुमारसिंह, केतन दरबारी एवं मैथ्यूज के साथ ठगी का मामला सामने आया। आरोपी शशिकांत पिता सुब्रमण्यम एवं सौरभ गोयल को स्टेट सायबर सेल ने बंदी बनाया एवं 1.80 करोड़ रुपए की ठगी का भंडाफोड़ हुआ। आरोपी पुरानी पालिसी को जीवित करने एवं लाखों रुपए के फायदे की लालच देकर वारदातों को अंजाम देते हैं।

जुलाई 2019-सस्ती वस्तुओं के नाम पर ठगी करने वाले 79 नामजद आरोपी :

क्राइम ब्रांच को सायबर क्राइम की शिकायतों के बाद यह तथ्य प्रकाश में आया कि ओएलएक्स ऑनलाईन शॉपिंग साईट्स पर मंहगे मोबाईल फोन जैसे कि वन प्लस फोन, रेडमी प्रो फोन. वीवो वी 15 आदि तथा दोपहिया वाहन जैसे सीडी डीलक्स बाईक, एक्टिवा, बुलेट एवं महंगी कारों को बेचने के लिए ठगोरों द्वारा विज्ञापन जारी किए जाते हैं। ओएलएक्स के विज्ञापन में उत्पाद के फोटो सहित संपर्क हेतु मोबाईल नम्बर भी रहते हैं। खरीददार द्वारा जब उक्त मोबाईल नम्बर पर संपर्क किया जाता है तब कॉल रिसीव करने वाले अज्ञात व्यक्ति खुद को आर्मी, सीआईएसएफ एवं डिफेन्सकर्मी बताते हैं तथा खरीददार का भरोसा जीतने के लिए उसको फर्जी तरीके से बनाए गए आईडी कार्ड की प्रति भेजते हैं। खरीददार द्वारा खरीददारी करते वक्त बदमाश मोबाईल, टू व्हीलर, फोर व्हीलर वाहन तथा अन्य उत्पादों के फर्जी बिल, नकली आधार कार्ड आदि दिखाकर विश्वास दिलाते हैं। इन पर विश्वास करके खरीददार एडवांस राशि उनके बताये अनुसार ई.वॉलेट एवं उनके निजी खातों में जमा कर शिकार बन जाते हैं। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद 79 आरोपियों के खिलाफ नामदज रिपोर्ट दर्ज की है।

लालच से बचें, अलर्ट रहें :

स्टेट सायबर सेल एसपी जितेंद्रसिंह कहते हैं कि अक्सर बैंक अफसर बनकर ओटीपी पूछने के बाद खाते से पैसे निकालने के मामले सामने आते रहते हैं। आन लाइन ठगी के मामले भी कम नहीं होते हैं। इंटरनेट के प्रयोग के साथ ही आन लाइन ठगी के केस भी बढ़ने लगे हैं। यदि आप अलर्ट रहेंगे तो इस तरह की धोखाधड़ी-ठगी से बच सकते हैं। नकली पुलिस बनकर महिलाओं से जेवर ठगने के साथ ही जेवर दुगना करने का लालच देकर ठगी की शिकायतें भी मिलती हैं। शेयर ट्रैडिंग से लेकर नौकरी का लालच देकर ठगी के कई लोग शिकार हो जाते हैं। इस तरह की ठगी से बचने के लिए सबसे बड़ा हथियार सतर्कता ही है। लालच से बचेंगे और अलर्ट रहेंगे तो ठगी और सायबर क्राइम से बच जाएंगे।

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