ग्वालियर: रेस्टोरेशन के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे ठेकेदार
ग्वालियर: रेस्टोरेशन के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे ठेकेदार सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

ग्वालियर: रेस्टोरेशन के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे ठेकेदार

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अमृत योजना के तहत शहर में पानी एवं सीवर की लाईनें डाली जा रही हैं। इसके लिए पूरा शहर खोद दिया गया है। बारिश से पहले सभी खुदी हुई सड़कों की मरम्मत की जानी है और इसके लिए शहर के चर्चित ठेकेदार को काम सौंपा गया है। मरम्मत के लिए 1487 वर्ग मीटर की दर से भुगतान किया जाना है। साथ ही ठेकेदार को 2 साल तक मैंटीनेस भी करना है। जो भी रेटोरेशन किया जाना है उसका निरीक्षण कर निगम अधिकारियों को मॉनिटरिंग भी करनी होती है, लेकिन ऐसा किया नहीं जा रहा। वार्ड 49 में ठेकेदार द्वारा खुदी हुई सड़क का रेस्टोरेशन किया जा रहा है। इसे देखकर ही यह समझ आ रहा है कि कार्य की गुणवत्ता कैसी है।

शहर में कई जगहों पर पानी एवं सीवर की लाईनें डालने के लिए सड़कें खोदी जा रही हैं। कुछ ही दिनों में बारिश शुरू होने वाली है और खुदी हुई जगह पर गड्ढे होना तय है। यही वजह है कि जनप्रतिनिधि खुदी हुई सड़कों की मरम्मत करने को लेकर लगातार बैठकें लेकर दिशा निर्देश दे रहे हैं। वार्ड 49 में भी खुदी हुई सड़कों का रेस्टोरेशन किया जा रहा है। लेकिन मॉनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार खाना पूर्ति करने में जुटा है। नियमानुसार खुदी हुई सड़क पर पहले पानी डालकर रोलिंग कराई जानी है और सफेद गिट्टी डालकर तथा मुरम डालकर भराव होना है। इसके बाद ही सड़क पर डाबर किया जा सकता है। लेकिन ठेेकेदार मिट्टी पर काली गिट्टी डालकर रेस्टोरेशन के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही है। इस संबंध में निगम अधिकारियों के पास शिकायत भी पहुंच चुकी है, लेकिन किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई।

कंपनी के पास न मशीने हैं न अमला :

अमृत योजना के तहत मैसर्स विष्णु प्रकाश पंगुलिया कंपनी को 278.35 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है। इस ठेके में कंपनी को शहर में पेयजल के लिए 43 टंकियां बनाकर 777 किमी पाईप लाईन डाली जा रही है। वहीं दूसरी तरफ इनविराड सोल्युशन प्रा.लि. कंपनी को 173 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया है। यह कंपनी जलालपुर में एसटीपी बनाने के साथ सीवर लाईन भी डाल रही है। इन दोनों कपंनियों को ही खुदी हुई सड़कों की मरम्मत करनी है। लेकिन दोनों ही कपंनियों के पास न तो काम करने लायक अत्याधुनिक मशीने हैं और न ही कर्मचारी। इन कपंनियों ने स्थानिय ठेकेदारों से ही मरम्मत कराने का करार कर लिया है।

अनुमानित एरिया 74381 वर्ग मीटर :

अमृत योजना के टेण्डर में मरम्मत का शुल्क 1487 रुपए वर्ग मीटर रखा गया है और अनुमानित एरिया 74381 वर्ग मीटर है। इस पूरे एरिए में इसी रेट पर मरम्मत कार्य किया जाएगा। अमृत योजना के चार ठेकेदारों में से इनविराड सोल्युशन प्रा.लि एवं जयंती सुपर कन्ट्रक्शन कंपनी सीवर लाईन डालने का कार्य कर रही हैं। इनमें इनविराड प्रा.लि. कंपनी द्वारा 11.1649 प्रतिशत ब्लो में टेण्डर लिया गया है, जबकि जयंती सुपर कन्ट्रक्शन कंपनी ने 1.59 प्रतिशत एवब में टेण्डर लिया है। इन कपंनियों को मरम्मत शुल्क 1487 रुपय वर्ग मीटर का भुगतान ब्लो एवं एवब के अनुसार किया जाएगा।

कंपनी को दो वर्ष करना होगा रख रखाव :

मरम्मत कार्य जिस तारीख को खत्म होगा, उस तारीख से दो वर्ष की अवधि तक कंपनी द्वारा संधारण कार्य भी कराया जाएगा। अगर बारिश में सड़क फिर गड्ढे में तब्दील होती है तो दोबारा से मरम्मत की जाएगी। यह सिलसिला दो वर्ष तक कायम रहेगा। अनुमानित एरिया 74381 वर्ग मीटर में से अभी पूरी खुदाई नहीं हुई है, इसलिए मरम्मत का कार्य कम एरिए में होगा। इस कार्य पर लगभग 10 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

इनका कहना है

जो भी सड़कें खोदी गई हैं उन्हें पुरानी स्वरूप में वापस लाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। साथ ही दो साल तक ठेकेदार को मेंटीनेंस भी करना है। पिछले सप्ताह हुई बैठक में हमनें साफ कर दिया था कि जेडओ को अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यों का निरीक्षण भी करना है। अगर ठेकेदार सही काम नहीं कर रहा तो उसे नोटिस जारी कर कार्यवाही की जायगी।
आर. एल. एस. मौर्य, अधीक्षण यंत्री, पीएचई एवं अमृत योजना, नगर निगम

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