साढ़े 4 करोड़ का रोड JCB से उखाड़ दिया
साढ़े 4 करोड़ का रोड JCB से उखाड़ दिया Ganesh Dunge
मध्य प्रदेश

फोरलेन रोड निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार, JCB से उखाड़ा रोड

Author : Ganesh Dunge

राज एक्‍सप्रेस। सिंधी बस्ती से गणपति नाका फोरलेन का निर्माण साढ़े चार करोड़ रुपए से किया गया था। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी रोड दो साल भी नहीं टिका। अब ये नौबत हो गई है कि, इस साढ़े चार करोड़ के रोड को जेसीबी से उखाड़ा जा रहा है। रोड बनाने के कुछ माह बाद भी इसे उखाड़ना समझ से परे हैं। इससे ये साबित होता है कि, अफसरों ने इसमें भारी भ्रष्टाचार किया है। रोड बनने के बाद ये कम से कम पांच साल टिकना चाहिए था, लेकिन बनने के साथ ही ये उखड़ने लगा था।

दो से तीन फीट गहरे गड्ढे :

पिछले दो माह की बात करें, तो बारिश की शुरूआत से इस पर गड्ढे होना शुरू हो गए थे। अब हालात ये है कि, इस पर दो से तीन फीट गहरे गड्ढे हो गए है, इसकी मरम्मत पर भी ध्यान नहीं दिया गया, गड्ढो का भराव मिट्टी से कर दिया। बारिश में मिट्टी से कीचड़ हो गई जिससे चलना मुश्किल हो गया है। बाइक सवार फिसलकर घायल हो रहे हैं। बाइक सहित अन्य वाहन चालक ये सोचते रहते हैं कि, आखिर वाहन निकाले कहां से, हर तरफ तो गड्ढे हैं? वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है और अब जेसीबी से इसकी खुदाई शुरू कर दी गई है।

रोड की कीमत साढ़े चार करोड़ :

जो रोड को उखाड़ा जा रहा है, उसकी कीमत साढ़े चार करोड़ रुपए हैं, अगर इसका ईमानदारी से निर्माण किया जाता, तो इतनी जल्दी उखाड़ने की जरूरत नहीं पड़ती। रोड उखाड़ने का मतलब है, इसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है। अब रोड उखाड़ने के बाद इसमें दोबारा करोड़ों रुपए का खर्च किया जाएंगा।

उच्च अफसरों की निगरानी में हो रोड का निर्माण :

शासन के खजाने को और लूटने की तैयारी की जा रही है, अब ये होना चाहिए कि, उच्च अफसरों की निगरानी में रोड का निर्माण दोबारा होना चाहिए और इस रोड में भ्रष्टाचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। रोड का निर्माण लगभग 4 साल पहले शुरू हुआ था, शुरूआत से ही इसमें लापरवाही बरती गई। निर्माण में तीन साल लग गए। कुछ एक साल पहले इस रोड से यातायात शुरू हुआ। इसके एक माह बाद ही रोड उखड़ना शुरू हो गया। इसके बाद से लोक निर्माण विभाग ने ध्यान नहीं दिया, लावारिस छोड़ दिया। हर दिन सैकड़ो भारी वाहन निकले, इस कारण रोड बदहाल हो गया, हालांकि रोड भारी वाहनों को शहर से सीधे बाहर निकालने के लिए ही बनाया गया था।

रोड के निर्माण में लापरवाही :

विभाग को पहले से पता था कि, माल भरकर महाराष्ट्र से खंडवा की ओर जाने वाले ट्रक इसी रोड से निकलेंगे,फिर क्या कारण रहा कि, रोड भारी वाहनों का भार संभाल नहीं पाया ? ये रोड सिंधी बस्ती से गणपति नाका थाना के पास इंदौर-इच्छापुर हाईवे से जुड़ता है। हाईवे से महाराष्ट्र और महाराष्ट्र से हाईवे पर जाने वाले वाहन चालक इसी रोड से निकलते हैं, क्योंकि उन्हें शनवारा होते हुए नहीं जाना पड़ता है। जब रोड का निर्माण शुरू हुआ था तब से ही लापरवाही बरती गई। रोड को मजबूती देने वाला डब्ल्यूबीएम का काम ही नहीं किया गया। उच्च अफसरों की जांच और निरीक्षण नहीं करने का फायदा स्थानीय अफसरों ने उठाया। रोड की बदहाल हालत की ओर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने भी ध्यान नहीं दिया।

उठ रही है मांग :

अब मांग उठ रही है कि, इस रोड में भ्रष्टाचार करने वाले जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जाना चाहिए। जर्जर रोड की मरम्मत की ओर जब लोक निर्माण विभाग ने ध्यान नहीं दिया, तो पुलिस विभाग ने भी सख्त रवैया अपनाया। एसपी ने विभाग को पत्र लिखा कि, गड्ढों के कारण दुर्घटना होती है,तो इसका जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग होगा। इसके बाद भी अफसरों की आंख खुलने में कई दिन लग गए। आंख खुली भी तो मिट्टी का भराव कर दिया।

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