अभी थक केवल जमीन ही हो पाई है समतल
अभी थक केवल जमीन ही हो पाई है समतल Raj Express
मध्य प्रदेश

Gwalior : फाईलों में अटका 31 करोड़ का बायो सीएनजी प्लांट, मार्च 2022 में शुरू होना था काम

Deepak Tomar

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। लाल टिपारा आदर्श गौशाला में प्रस्तावित बायो सीएनजी प्लांट कागजों में अटक गया है। 31 करोड़ की लागत से इंडियन ऑयल कंपनी इस प्लांट को लगाकर देगी और इसका संचालन नगर निगम द्वारा किया जाएगा। प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। जमीन भी कंपनी को पसंद आ गई है। टीम ने फरवरी 2022 में निरीक्षण कर स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन पिछले 10 महीने में नगर निगम अधिकारी दस्तावेज पूरे करके नहीं दे सके हैं। अभी भी फायर, प्रदूषण विभाग, टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग एवं नगर निगम की स्वीकृति नहीं हो सकी है। अधिकारियों की माने तो इन चारों विभागों की स्वीकृति(परमीशन) मिलने में एक महीने का समय लग सकता है। समय रहते यह स्वीकृति क्यों नहीं ली गई इसका जबाव किसी के पास नहीं है।

शहर का प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ रहा है। हवा में धूल के कण कम करने के लिए प्रदूषण विभाग द्वारा लगातार विभिन्न दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। लेकिन किसी से कोई फर्क नहीं पड़ रहा। वहीं गोबर एवं गीला कचरे का निष्तारण भी नगर निगम नहीं कर पा रही है। इसे स्वच्छता सर्वेक्षण की रैकिंग भी प्रभावित हो रही है। इन दोनों समस्याओं का हल लाल टिपारा गौशाला में लगने जा रहे बायो सीएनजी प्लांट से निकल सकता है। गौशाला में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा 31 करोड़ की लागत से बायो सीजएनजी प्लांट लगाया जाना है। इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्लांट से प्रतिदिन 100 टन गैस बनाई जा सकेगी। इस गैस से नगर निगम के वाहन संचालित होंगे। इससे पैसा भी बचेगा और प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा गीले कचरे का निष्तारण भी बायो सीएनजी प्लांट में हो जाएगा, जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में भी बेहतर नंबर मिलेगे। लेकिन इस प्लांट के लिए नगर निगम को जो दस्तावेज पूरे करने हैं वह अब तक नहीं हो सके हैं। दिल्ली से इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के पदाधिकारी लगातार पत्राचार एवं फोन पर जानकारी ले रहे हैं। नगर निगम को प्रदूषण विभाग, टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग, फायर विभाग की स्वीकृति लेनी है। इसके बाद नगर निगम स्वयं स्वीकृति देकर दस्तावेज इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को भेज देगा। सभी स्वीकृति मिलते ही इंडियन ऑयल द्वारा प्लांट के लिए टेण्डर आयोजित कर काम शुरू कराया जाएगा। निगम अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह प्रोजेक्ट अटका हुआ है।

जमीन समतल करने में लग गए तीन महीने :

लाल टिपारा गौशाला में बायो सीएनजी गैस प्लांट लगाने के लिए 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता थी। नगर निगम द्वारा इससे दो गुनी जमीन को प्लांट के लिए चिन्हित कर उसे समतल कराया जा रहा है। नगर निगम की मशीनरी पिछले तीन महीने से जमीन को समतल करने में लगी है। अब 15 प्रतिशत काम बचा है। यह भी 15 से 20 दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद जमीन इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के सुपुर्द कर दी जाएगी।

इस तरह बनाया जा रहा है बायो गैस प्लांट :

  • लाल टिपारा गौशाला में इंडियन ऑयल कंपनी बायो गैस प्लांट लगाएगी।

  • बायो सीएनजी गैस प्लांट लगाने से जैविक खेती को बढ़ाया मिलेगा।

  • गैस प्लांट से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी विकास होगा।

  • गौशाला में 5 एकड़ भूमि पर बायो सीएनजी प्लांट विकसित किया जाएगा।

  • गैस प्लांट लगाने में 31 करोड़ रु़पय की लागत आएगी।

  • प्लांट लगाने का खर्चा इंडियन ऑयल कंपनी सीएसआर फण्ड से करेगी।

  • प्लांट के संधारण एवं संचालन का जिम्मा नगर निगम को दिया जाएगा।

  • प्लांट से 100 टन गैस बनेगी जिससे 200 गाड़िया चल सकेंगी।

इनका कहना है :

बायो सीएनजी गैस प्लांट के लिए सभी विभागों से एनओसी ली जा रही है। हमने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है। संभवत दिसंबर 2022 के अंत तक सभी तरह की एनओसी हमें मिल जाएगी। इसके बाद इंडियन ऑयल कार्पोरेशन यहां टेण्डर करके प्लांट बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
पवन सिंघल, नॉडल अधिकारी, लाल टिपारा गौशाला, नगर निगम
गौशाला में बायो सीएनजी गैस प्लांट लगाने के लिए पिछले पांच साल से कवायद चल रही है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। दस्तावेजी कार्यवाही पूर्ण हो तो इंडियन ऑयल कार्पोरेशन यहां काम शुरू करेगी। श्रीकृष्णायन देशी गौरक्षा शाला द्वारा देश भर में जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। अगर गंभीर बीमारियों से बचना है तो गौ आधारित खेती की और बढ़ना ही एक मात्र उपाय है।
ऋृषभ देवानंद महाराज, प्रबंधक, लाल टिपारा गौशाला, संत श्रीकृष्णायन देशी गौरक्षा शाला, हरिद्धार

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