अमृत योजना महाघोटाला
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मध्य प्रदेश

अमृत योजना महाघोटाला : अमृत योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने खोली पोल

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अमृत योजना में किस तरह बंदरवाट किया गया है इसके खुलासे कई बार किए जा चुके हैं। लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। योजना में किस तरह से घपले हुए हैं इसका खुलासा मंगलवार को हुई अमृत की समीक्षा बैठक में सामने आया। निगमायुक्त किशोर कन्याल के सामने पीएचई अधिकारियों ने कई सवाल किए जिनके ठेकेदार विष्णु पुंगलिया के प्रोजेक्ट इंचार्ज पियूष शर्मा सटीक जबाव नहीं दे पाए। बैठक में बताया कि लाईनों का प्रेशर अब तक चैक नहीं किया गया, डीएमए भी चालू नहीं हैं और प्लांट भी सही तरीके से नहीं चल रहा। ऐसी स्थिति में प्रोजेक्ट कैसे हैण्ड ओवर लिया जा सकता है। हद तो यह है निगमायुक्त का बंगला जिस क्षेत्र में हैं वहां भी डीएमए चालू नहीं है। इस स्थिति को देखकर निगमायुक्त हैरान रह गए और उन्होंने बुधवार को फिर बैठक बुलाई है।

दरअसल, अमृत याजना एडीबी की तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। 733 करोड़ रुपये इस योजना के जरिए खर्च किए गए लेकिन इसका पूरा लाभ शहर वासियों को नहीं मिल रहा है। न तो सीवर समस्या का कोई निदान हुआ और न ही पेजयल समस्या का हल हुआ। अधिकारियों ने मनमाने रूप से काम किया और ठेकेदार की सुविधा के हिसाब से लाईनें डाल दी। अब सीवर एवं पानी की लाईनों के मिलान को लेकर जनप्रतिनिधि शिकायतें कर रहे हैं। अमृत योजना के तहत 58 करोड़ की लागत से शर्मा फार्म रोड पर बनाया गया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी अब तक चालू नहीं हो पाया है जबकि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, निगम प्रशासक अशीष सक्सैना एवं निगमायुक्त किशोर कन्याल ने ठेकेदार को 31 दिसंबर 2021 तक का समय दिया था। इसके बावजूद अब तक प्लांट को चालू नहीं कर सके हैं। जब टेस्टिंग के लिए प्लांट चलाया तो पिलर धसकने से काम प्रभावित हुआ। अब एक बार फिर प्लांट को चलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और तिघरा से शर्मा फार्म रोड तक डाली गई 1600 एमएम की पाईप लाईन को भी शुरू किया जाना है। इसके लिए मंगलवार को पीएचई विभाग की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में पहले जलकर के बड़े बकायादारों को लेकर चर्चा हुई और बाद में निगमायुक्त किशोर कन्याल ने प्लांट चालू कराने सहित लाईनों के लीकेज जांचने एवं अन्य कार्यों की जानकारी मांगी। इस पर ठेकेदार ने कहा कि हम प्लांट कल से चालू करेंगे। ऐसा सुनते ही पीएचई अधिकारियों ने कहा कि यह संभव ही नहीं है कि प्लांट एवं लाईनें कल से चालू हो जाएं। अभी कई जगहों पर संधारण काम ही पूरा नहीं हुआ है। अगर बिना काम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चालू किया गया एवं लाईनों में पानी छोड़ा गया तो जगह-जगह लाईनें फट जायंगी। इन बातों को सुनकर निगमायुक्त टेंशन में आ गए और उन्होंने अमृत योजना की विस्तृत समीक्षा के लिए बुधवार शाम 4 बजे बैठक बुलाई है।

निगमायुक्त के क्षेत्र में डीएमए चालू नहीं :

बैठक में ठेकेदार ने बताया कि वह डीएमए चालू कर चुका है। जबकि अधिकतर डीएमई लाईनों के अभाव में बंद हैं। हद तो यह है कि निगमायुक्त मुरार के जिस बंगले में रहते हैं वहां भी दो मंजिल तक बिना टिूल्लू पंप के पानी नहीं पहुंच रहा। इससे समझ आता है कि अमृत योजना में किस तरह आंखें बंद करके काम किया गया है। लगातार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जिससे हालात पूरी तरह बिगड़ चुके हैं।

हैण्ड ओवर लिया तो अधिकारी नपेंगे :

ठेकेदार अब इस पूरे प्रोजेक्ट को नगर निगम के हैण्ड ओवर करने का दबाव बना रहा है। अगर बिना जांच कराए प्रोजेक्ट हैण्ड ओवर कर दिया गया तो पूरी गड़बड़ी का ठीकरा निगम के पीएचई विभाग के ऊपर फूटेगा। फिर जो भी परेशानी आयगी उसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा, यही वजह है कि अब संबंधित अधिकारी बैठक में कमियों को उजागर कर रहे हैं।

बैठक में किसने क्या कहा :

  • निगमायुक्त ने प्लांट चालू करने के लिए कहा तो ठेकेदार पियूष शर्मा बताया कि कल से प्लांट चालू कर देंगे। लेकिन इसके लिए 1600 एमएम की लाईन चालू होना आवश्यक है।

  • उपायुक्त एसीएस भदौरिया ने कहा कि अभी लीकेज ही नहीं सुधरे और पानी की टंकिया भी ठीक नहीं हुई, फिर कैसे सप्लाई शुरू की जा सकती है।

  • सहायक यंत्री सतेन्द्र सोलंकी ने कहा कि लाईनों का प्रेशर चैक किया गया है, क्या कहीं भी प्रेशर गेज लगाया गया है। आपने डीएम चालू किए हैं तो उसकी सूची दें।

  • अमृत योजना के कार्यपालन यंत्री जागेश श्रीवास्तव ने कहा कि ठेकेदार के पास टीम ही नहीं है इसलिए काम करने में परेशानी आ रही है।

  • अमृत योजना के नॉडल अधिकारी आरएलएस मौर्य ने ठेकेदार से कहा कि आप पहले ही काम पूरा करने में लेट हो गए हैं और लगातार देरी होगी तो कैसे काम चलेगा। कहने से कुछ थोड़े ही होता है, जो काम आवश्यक हैं वह कराएं।

इनका कहना है :

हमें हर हाल में 31 मार्च तक अमृत योजना के प्रथम चरण को पूरी तरह खत्म करना है। इसी वजह से मैंने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं 1600 एमएम की पानी की लाईन चालू करने के लिए कहा है। आज की बैठक में बहुत से इश्यू सामने आए हैं इसलिए बुधवार को फिर समीक्षा बैठक बुलाई है।
किशोर कन्याल, निगमायुक्त

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