High Court Order
High Court Order RE-Jabalpur
मध्य प्रदेश

हाईकोर्ट ने बदला फैसला- सजा-ए-मौत की सजा प्राकृतिक मौत तक कारावास में तब्दील

Amit Namdeo

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने एक 75 वर्षीय वृद्धा से दुराचार कर उसकी हत्या करने के मामले में निचली अदालत द्धारा आरोपी को दी गई मृत्यूदंड की सजा को बदलकर प्राकृतिक मौत तक कारावास में तब्दील कर दिया है। जस्टिस सुजय पॉल तथा जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने आरोपी की उम्र 25 साल होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए मृत्युदंड की साज को रदद कर दिया है। युगलपीठ ने आरोपी को प्राकृतिक मृत्यु तक कारावास की सजा से दण्डित किया है।

छतरपुर जिला न्यायालय ने 6 फरवरी 2019 को वृद्धा के साथ दुराचार कर उसकी हत्या करने के आरोप में रिबू उर्फ अकबर खान उम्र 25 साल को मृत्युदंड की सजा से दण्डित किया गया था। मृत्युदंड की पुष्टि के लिए प्रकरण हाईकोर्ट भेजा गया था। आरोपी ने भी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। अभियोजन के अनुसार 21 फरवरी 2017 को 75 साल की वृद्धा घर में अकेले थी। दूसरे दिन सुबह वह नग्न अवस्था में अपने कमरे में मिली। उसके गुप्तांग व शरीर में आई चोट से खून बह रहा था। महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे उपचार के लिए ग्वालियर रेफर किया गया था। उपचार के दौरान महिला की 28 फरवरी को मौत हो गयी थी।

महिला ने अपने मृत्युपूर्व बयान में बताया था कि किरायेदार रिबू उर्फ अकबर ने उसके साथ मारपीट कर दुराचार किया था। डीएनए रिपोर्ट से भी स्पष्ट है कि आरोपी ने वृद्धा के साथ दुराचार किया था। घटना स्थल में मिला चश्मा व शर्ट का बटन भी आरोपी का था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चार साल की बच्ची के साथ दुराचार तथा हत्या करने वाले मो. फिरोज सहित अन्य आदेशों का हवाला देते हुए आरोपी की उम्र को मददेनजर मृत्युदंड की सजा को निरस्त कर दिया। युगलपीठ ने आरोपी को प्राकृतिक मृत्यु तक कारावास की सजा से दण्डित किया है।

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