चुनाव में भाग्य आजमाएंगे पढ़े-लिखे बेरोजगार
चुनाव में भाग्य आजमाएंगे पढ़े-लिखे बेरोजगार सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Bhopal : नौकरी की आस में ओवर एज हुए, अब चुनाव में भाग्य आजमाएंगे पढ़े-लिखे बेरोजगार

Irshad Qureshi

भोपाल, मध्यप्रदेश। मास्टर डिग्री और एमबीए करने के बाद 30 साल की उम्र नौकरी की आस में खत्म हो गई। आगे भी कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा, इसलिए अब ऐसे पढ़े-लिखे युवा चुनाव में भाग्य आजमाने का मन बना चुके हैं। कांग्रेस-बीजेपी के पास ऐसे 600 से अधिक आवेदन पहुंचे हैं, जो पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक हैं। अब तक इन्हें राजनीति में सक्रिय नहीं देखा गया। आवेदन करने वाले युवकों का मानना है कि अगर पार्टी टिकिट नहीं देती, तब भी वह चुनाव में उतरेंगे। युवा इसकी सबसे बड़ी वजह बताते हैं कि अधिकतर जनप्रतिनिधि उच्च शिक्षित नहीं होते, इसलिए वहां सही ढंग से क्षेत्र का विकास नहीं होता।

दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साफ कहा है कि अब भाई-भतीजावाद नहीं चलेगा। यानि घर में एक सदस्य जनप्रतिनिधि है तो दूसरे को मौका पार्टी नहीं देगी। इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में नए युवा चेहरे सामने आए हैं, जो निकाय चुनाव में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं। दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस-बीजेपी के पास ऐसे 600 से अधिक नामों की सूची पहुंची है, जो पढ़े-लिखे हैं और अपने क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। बताया जाता है कि यह सभी नए चेहरे हैं, जिनका राजनीतिक दलों से कोई वास्ता नहीं रहा।

इंजीनियर तो कोई एमबीए डिग्रीधारी :

कांग्रेस-बीजेपी के पास पहुंचे पार्षद पद के दावेदारों में कोई इंजीनियर है तो किसी ने एमबीए किया है। यह सभी युवा पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं। टिकिट के लिए आवेदन देते हुए इन युवकों ने पार्टी नेताओं के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि अब समय बदल रहा है। वर्षों से अशिक्षित नेता नेतृत्व करते रहे हैं, लेकिन अब जनता भी अपना जनप्रतिनिधि किसी शिक्षित को ही चाहती है।

निर्दलीय ही लड़ने को तैयार :

शहर के अलग-अलग इलाकों के वार्डों में चुनाव की तैयारी कर रहे कई युवकों का साफ कहना है कि पार्टी टिकिट दे या न दे, लेकिन हर हाल में वह चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए युवकों ने नॉमिनेशन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगर निगम और बिजली विभाग से एनओसी लेने के अलावा निर्वाचन विभाग से वार्ड के मतदाताओं की सूची मांगते युवक नजर आ रहे हैं।

बीजेपी में खामोशी, पर दफ्तरों में लग रही भीड़ :

नगर निगम महापौर और पार्षद के दावेदार टिकिट के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन बीजेपी का कोई भी नेता खुलकर कुछ भी कहने से बच रहा है। इधर पार्टी ने हर वार्ड से 3-3 नामों की पेनल बनाई है, जो आलाकमान को भेजी जा रही है। पार्टी ने क्राइटेरिया तय कर दिया है। ऐसे में जो दावेदार जनता से अच्छा संवाद रखता होगा, उसे ही प्राथमिकता देने पर विचार चल रहा है।

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