चेहल्लुम का मुख्य कार्यक्रम
चेहल्लुम का मुख्य कार्यक्रम Nilesh Dhariwal
मध्य प्रदेश

रतलाम: चेहल्लुम के इतिहास में इस बार आए सबसे कम जायरीन

Author : Nilesh Dhariwal

राज एक्सप्रेस। हुसैन टेकरी शरीफ पर चेहल्लुम का मुख्य कार्यक्रम आग पर मातम चुल 18 अक्टूबर शुक्रवार रात्रि 9 बजे होगा। लेकिन इस बार काफी कम जायरिन अभी तक टेकरी प्रांगण पहुंचे है। टेकरी प्रशासन की अव्यवस्थाओं के चलते अब तक के चैहल्लुम के इतिहास में सबसे कम जायरिन इस वर्ष आने की चर्चा टेकरी परिसर में दिनभर चलती रही। हालांकि आज का दिन और शेष है लेकिन फिर भी बीते सालों के मुकाबले इस वर्ष आधे से भी कम जायरिनों के ही आने की बात टेकरी क्षेत्र के जानकार कह रह हैं।

यह कार्यक्रम हजरत इमाम हुसैन र.अ. का 135 वां कार्यक्रम है। बता दें कि, खंदक (चुल) पर सबसे पहले 21 आलम हाथ में लेकर सिया समुदाय के दूल्हे निकलते हैं। समीप ही दूसरी चुल पर भी यही स्थिति रहती है। लेकिन इस बार तीन चुल होने के चलते प्रत्येक चुल पर 14-14 दूल्हे यानि कुल 42 दूल्हे ही निकलेंगे। लक्की ड्रा के माध्यम से इनका चयन होता है। यह कार्यक्रम रात 10 बजे तक चलता है, इसके बाद पहले पुरूष व बाद में महिलाएं नंगे पैर चुल पर से निकलते हैं। बाद में सिया समुदाय द्वारा खंदक को दूध का छींटा दिया जाता है।

खुदा के बंदे आज चलेगे नंगे पैर अंगारों पर

तत्पश्चात् जिन जायरीनों पर बलाए (अपवित्र आत्माएं) होती है वे चुल पर से निकलते है। मान्यता है कि बलाए वाले चुल पर से निकलने से अपवित्र आत्माएं गारत (शरीर से निकल जाती हैं) हो जाती हैं। खंदक के आसपास भगदड़ नहीं मचे इसके लिए प्रशासन ने पुलिस बल बढ़ाया है। खंदक पर से निकलने का कार्य देर रात तक चलता है। दूसरे दिन प्रात: जायरीन लोबान लेकर वापस अपने घरों को लौट जाते है। परंतु दूसरे दिन प्रात: 10 बजे से सिया समुदाय द्वारा मातमी जुलूस निकाला जाता है जो मातम करते पांचो रोजो पर जाते हैं। जिसमें सिया समुदाय के जायरीन रहते है। जुलूस के बाद बिदाई मजलीस होती है। इस प्रकार चेहल्लुम का समापन होता है।

मात्र 15 हजार लोग और 150 कश्मीरी आए -

लगभग 135 साल से चैहल्लुम का आयोजन टेकरी परिसर में सतत् जारी है। जानकारों की माने तो इस वर्ष सबसे कम जायरिन अभी तक टेकरी परिसर पहुंचे है। इतिहास में यह पहला मौका है जब चैहल्लुम में शामिल होने बहुत कम जायरिन आ रहे हैं। जबकि मुख्य आयोजन के एक दिन पहले तक पुराने रिकार्ड देखें तो करीब 30 से 35 हजार जायरिन आ चुके होते है। टेकरी क्षेत्र के दुकानदारों की माने तो इस बार शुक्रवार तक मात्र 12 से 15 हजार जायरीन ही अब तक आए हैं। ऐसी ही कुछ स्थिति कश्मीरी जायरिनों की बनी, जिनकी संख्या अब तक 800 को छु जाती थी लेकिन इस वर्ष मात्र 150 कश्मीरी जायरिन ही अभी तक आए हैं। कारण जानने की कोशिश की तो रहवासियों का कहना था कि, प्रशासन की अव्यवस्थाओं के चलते जायरीन प्रतिवर्ष कम होते जा रहे हैं।

मात्र 15 हजार लोग और कश्मीरी आए

इस बार अधिक बारिश होने के चलते दलदल की स्थिति टेकरी क्षेत्र में बनने के कारण जायरीनों के नही आने की प्रमुख वजह सामने आ रही है। जिस तरह चैहल्लुम में बीते वर्षो लाखों लोग शामिल होते थे, लेकिन अब उनकी गिनती हजारों में ही रह गई, ऐसे धार्मिक स्थान पर चैहल्लुम को लेकर स्थाई व्यवस्था टेकरी प्रशासन को करना चाहिए, ताकि जायरीनों का यहां से मोह भंग ना हो। निकला अलम का जुलूस - गुरूवार को टेकरी पर सिया समुदाय के तीन अलग-अलग जुलूस सुबह से शाम के बीच निकले। दोपहर 1 बजे मेहंदी कुए से हिंदू अंजूमन सक्काए सकीना मुम्बई द्वारा अलम का जुलूस मेहंदी कुएं से निकला, जो टेकरी क्षेत्र से होते हुए मोला अली रोजा टाप शरीफ पर पहुंचा, जहां अलम अम्मारी चढ़ाई गई। सुबह 10 बजे व 4 बजे हुसैनी मिशन संस्थाओं द्वारा जुलूस निकाला गया। इस दौरान शिया समुदाय के लोगो ने मातम भी किया।

प्रभारियों की लगाई ड्युटी -

एसपी गौरव तिवारी के निर्देशन में एएसपी सुनील पाटीदार व एसडीएम राहुल घोठे, नगर पुलिस अधीक्षक अगम जैन, एसडीओपी डीआर माले पूरी व्यवस्था संभालेगे। मुख्य आयोजन वाले दिन चुल पर चलने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए आसपास के सभी थाना प्रभारियों के अलावा जिले के अन्य थानों के भी थाना प्रभारियों की ड्यिूटी लगाई गई है।

प्रभारियों की लगाई ड्युटी

पुराने अधिकारी भी पहुंचे टेकरी -

पुलिस के साथ ही प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही कर्मचारियों की ड्यिूटी भी लगा दी गई है। कलेक्टर रूचिका चौहान व एसपी गौरव तिवारी स्वयं इस कार्य को विशेष रूप से रूचि लेकर व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं। पिछले दिनों बैठक लेकर उन्होनें सभी अधिकारियों और हुसैन टेकरी शरीफ के पदाधिकारियों को भी ताकिद कर दिया था कि, कहीं कोई कमी नही रहना चाहिए। पूर्व में चेहल्लुम पर्व संपन्न करवाने वाले अधिकारियों को भी बुलाया गया है ताकि उनके अनुभवों का लाभ मिल सके। अधिकारी गुरूवार को टेकरी पहुंचे तथा अपने अनुभव साझा किए। आरआई फोर्स को पाईन्ट टू पाईन्ट बल लगाने के लिए सभी पुलिस जवानों की ड्यूटी संबंधित जानकारियां दी।

प्रशासन अलर्ट, रखे पैनी नजर -

शुक्रवार को होने वाले चैहल्लुम के मुख्य आयोजन को लेकर प्रशासन चौकन्ना है। यह अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बार चैहल्लुम के 10 दिन किसी न किसी प्रशासनिक अधिकारी ने निरीक्षण किया है। गुरूवार को होने वाले मुख्य आयोजन में कमिश्नर, आईजी, डीआईजी के आने की संभावना है। कलेक्टर, एसपी के अलावा स्थानीय अधिकारी एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार, डीएसबी विभाग, शहर थाना टीआई, औद्योगिक थाना टीआई और नायब तहसीलदार के साथ पुलिस प्रशासन तथा ग्रामीण व नगर सुरक्षा समिति के सदस्य अपनी पैनी निगाहें बनाए रखेेंगे।

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