हड़ताल पर गए कोल श्रमिक
हड़ताल पर गए कोल श्रमिक Shashikant Kushwaha
मध्य प्रदेश

सिंगरौली: कमर्शियल माइनिंग का विरोध, मजदूर सड़क पर, कोयला खदाने ठप

Author : Shashikant Kushwaha

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। एनसीएल सिंगरौली कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ कोयला कर्मचारी संघ लामबंद हो चुके हैं। इसके खिलाफ गुरुवार को कोल इंडिया के पूरे कंपनियों में कोयला कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुबह से ही कोल यूनियन नेता एनसीएल के सभी परियोजना कार्यालय प्रवेश द्वार पर डटे हुए हैं और मुखर होकर सरकार के कमर्शियल माइनिंग के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, सीटू, इंटक, एचएमएस के साथ ही बीएमएस ने भी कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ में आवाज बुलंद की है। इन पांचों केंद्रीय यूनियनों ने मिलकर कोल इंडिया प्रबंधन को चेताया था कि यदि कमर्शियल माइनिंग पर पुनर्विचार नहीं होता है तो 2 जुलाई से तीन दिवसीय हड़ताल पर जाएंगे। केंद्रीय श्रम आयुक्त और कोयला मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद 2 जुलाई गुरुवार को सभी श्रमिक संगठनों ने एक साथ मिलकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है।

इंटक यूनियन नेता आदित्य नारायण मिश्रा एवं बीएन सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकरण देशहित और श्रमिक हित के लिए किया था। भाजपा सरकार इस पब्लिक सेक्टर को योजनाबद्ध तरीके से बेच रही है। बीएमएस नेता अरुण दुबे ने कहा कि कोयला खनन का अधिकार कोल इंडिया के पास ही रहना चाहिए। निजी कंपनी तो अपने फायदे के लिए काम करेगी। मजदूरों का जमकर शोषण करेगी। एटक नेता अशोक दुबे ने कहा कि सरकार का निर्णय गलत है। इससे कोयला उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

वहीं सीटू नेता पीएस पांडे व अशोक धारी ने कहा कि सरकार भटक गई है। कोयला उद्योग में निजी कंपनियों के आने का पुरजोर विरोध होगा और आज की हड़ताल से सरकार व प्रबंधन की चुले हिल जाएंगी। एचएमएस नेता केसी शर्मा व अशोक पांडे ने कहा कि निर्णय कोयला उद्योग के लिए घातक है। सड़क से लेकर संसद तक लड़ेंगे। यह सरकार मजदूर विरोधी काम कर रही है। आनेवाले समय में सरकार को इसका जबाव मिल जाएगा।

गुरुवार सुबह से ही यूनियन नेता और कोल कर्मचारी खदान बैरियर व परियोजना प्रवेश द्वार पर डटे दिखे। यूनियन नेता आरएम त्रिपाठी, मुन्नीलाल, जितेंद्र सिंह, शैलेन्द्र चौबे, संत कुमार, अटल राम एवं एसएन सिंह ने बताया कि सभी श्रमिक बंधुओं का सहयोग कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ लड़ाई में मिल रहा है और आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शरीक होकर हमारे हाथों को मजबूत किया है। सरकार को कमर्शियल माइनिंग के फैसले पर पुनर्विचार करना होगा और कोल श्रमिको के भविष्य के साथ किसी को भी खिलावाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

पिपरी क्षेत्राधिकारी विजय शंकर मिश्रा के नेतृत्व में शक्तिनगर थाना प्रभारी मिथिलेश मिश्रा, लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए सुबह से ही दुद्धीचुआ, खड़िया व बीना परियोजनाओं में भ्रमण करते हुए नजर बनाए हुए हैं और मजदूर नेताओं एवं कंपनी प्रबंधन अधिकारियों से आग्रह कर रहे हैं कि हड़ताल में किसी भी प्रकार से कोई बल का प्रयोग ना हो और ना ही श्रमिक नेताओं से कोई बहस हो। सभी परियोजना प्रवेश द्वार पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है ताकि हड़ताल शांतिपूर्ण ढंग से हो और क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर बना रहे।

हड़ताल के बीच ड्यूटी जाने वालों को चूड़ी भेंट कर रही हैं महिलाएं :

केंद्र सरकार के कमर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में कोयला खदानों के श्रमिक 2 जुलाई से 4 जुलाई तक हड़ताल पर है। विगत दिनों से विभिन्न स्तर की वार्ता के बाद, केंद्रीय श्रम आयुक्त और कोयला मंत्री से यूनियन नेताओं की वार्ता विफल होने के बाद गुरुवार सुबह से हड़ताल जारी है। एनसीएल खड़िया परियोजना की महिला कर्मियों ने हड़ताल का मोर्चा संभाल लिया है और हड़ताल के बीच ड्यूटी जाने वाले कोल कर्मचारियों को चूड़ी भेंट कर रही हैं।

इंटक के वरिष्ठ नेता आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि कोयला श्रमिकों का हड़ताल पहले दिन सफल रहा। लगभग 90% श्रमिकों ने पहले दिन की हड़ताल में भाग लिया और आउटसोर्सिंग कंपनी में 60% हड़ताल सफल रहा। वही श्री मिश्रा ने केंद्र सरकार और एनसीएल पर आरोप लगाते हुए बताया कि हड़ताल को सफल ना होने देने के लिए केंद्र सरकार वह एनसीएल प्रबंधन ने कई हथकंडे अपनाए लेकिन श्रमिकों की एकजुटता ने ऐतिहासिक हड़ताल करके सरकार और प्रबंधन को चेता दिया है कि यदि कमर्शियल माइनिंग के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है तो इससे बड़ा प्रदर्शन दिल्ली में संसद के सामने होगा। पहले दिन की हड़ताल की तरह यदि बाकी के 2 दिन और हड़ताल में श्रमिक भाइयों का साथ मिल जाए तो सरकार और कोल प्रबंधन की चूले हिल जाएंगी और सरकार को बैक फुट पर आकर अपना फैसला बदलना पड़ जाएगा।

एनसीएल पीआरओ ने बताया :

गुरुवार को संयुक्त मोर्चा के बैनर तले विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान एनसीएल का कोयला उत्पादन व प्रेषण प्रभावित रहा है।

गुरुवार की प्रथम पाली में एनसीएल ने लगभग 18500 टन कोयला उत्पादन किया। इस दौरान कंपनी द्वारा किए जाने वाले कोयला प्रेषण (डिस्पैच) भी आंशिक रूप से प्रभावित रहा। गुरुवार को प्रथम पाली में एनसीएल ने लगभग 60600 टन कोयला डिस्पैच किया ।हड़ताल जनित परिस्थिति के बावजूद कल की प्रथम पाली की तुलना में लगभग 295000 CuM (लगभग 80%) अधिभार हटाव किया गया l

प्रथम पाली एवं सामान्य पाली मिलाकर लगभग 80% कर्मी अनुपस्थित रहे, हालाँकि बहुत सारे कर्मी काम पर आना चाह रहे थे जिन्हें प्रदर्शन में लगे लोगों द्वारा आने नही दिया गया l हड़ताल के दौरान कंपनी में बिजली, पानी तथा मेडिकल सेवाओं सहित आवश्यक सेवाएं जारी रहा। हड़ताल के दौरान कोई भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

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