मध्य प्रदेश

अजीबोगरीब हादसा! चलती कार की छत फाड़ते हुए सिर पर लगा पत्थर, मौत

Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। फोरलेन हाईवे के किनारे संचालित गिट्टी क्रेशर खदान में ब्लास्टिंग की गई जिसका पत्थर उछलकर एक वाहन चालक को लगा जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक बैंक में मैनेजर था। हादसा इतना जबरदस्त था कि, ब्लास्टिंग का पत्थर मारुति कार की छत चीरते हुए अन्दर घुसा और चालक को लग गया। आमला थाना प्रभारी शिवनारायण मुकाती ने बताया कि, अल्वी स्टोन क्रेशर खदान में सोमवार को ब्लास्टिंग की गई ब्लास्टिंग का पत्थर मरूती वाहन क्रमांक एमपी 48 सी 0394 के चालक को लग गया।

हाईवे पर क्रेशर में ब्लास्टिंग से हुई दुर्घटना

हादसे में अशोक पिता बाबूलाल वर्मा उम्र 42 वर्ष निवासी शांति नगर होशंगाबाद की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई । वहीं दो लोग इस हादसे में बाल-बाल बच गए। मृतक इंडस बैंक के बैतूल-मुलताई ब्रांच में मैनेजर था। वह सोमवार को अपने दो साथी जितेंद्र और धीरज के साथ मारुति कार से बैतूल से मुलताई की ओर जा रहे थे। इसी दौरान हाईवे के किनारे ग्राम उभारिया के पास संचालित क्रेशर खदान में ब्लास्टिंग की गई जिसका पत्थर उछलकर कार की छत चीरते हुए चालक को लग गया इस घटना में चालक की मौके पर हीे मौत हो गई। घटना में चालक के बगल में बैठा जितेंद्र घायल हो गया। घटना सोमवार दोपहर की है।

सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची

सूचना मिलते ही आमला पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जायजा लिया। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए आमला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

क्रेशर खदान की ब्लास्टिंग के पत्थर से वाहन चालक की हुई मौत के मामले को लेकर कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जांच के लिए मुलताई एसडीएम सीएल चनाप को नियुक्त किया गया । एसडीएम द्वारा पूरे मामले की जांच की जाएगी, अगर क्रेशर संचालक दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। बैतूल में गिट्टी क्रेशर खदान में ब्लास्टिंग से अजीबोगरीब हादसा मृतक इंडस बैंक के बैतूल-मुलताई ब्रांच में था मैनेजर, उनका एक साथी भी घायल हुआ।

क्रेशर संचालन के ये हैं नियम

किसी भी स्टोन क्रेशर संचालन हेतु इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता तो विभाग इन्हें बंद करने के लिए अधिकार रखता है। जबकि जिले में संचालित कोई भी स्टोन क्रेशर संचालक दिए गए नियमों में से एक भी नियम का पालन नहीं कर रहा है फिर भी अधिकारियों के रहमो-करम पर सभी क्रेशर चल रहे हैं। डस्ट को बाहर जाने से रोकने के लिए डस्ट अरेस्टर होना चाहिए। जहां पर क्रेशर संचालित है उस क्षेत्र के तीन ओर बड़ी दीवार होना चाहिए ताकि ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर उछलकर किसी को चोट न पहुंचा सके। पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से सघन वृक्षारोपण क्षेत्र में होना अनिवार्य है। नियम के तहत स्टोन क्रेशर में सुबह और शाम सिंचाई होना अनिवार्य है जिससे डस्ट न उड़े। क्रेशर के पास घनी आबादी न हो इसके साथ ही नदी के किनारे क्रेशर संचालित करने की अनुमति नहीं है।

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