कोरोना से बचने के लिए झारखंड सरकार ने लगाया 'मिनी लॉकडाउन'
कोरोना से बचने के लिए झारखंड सरकार ने लगाया 'मिनी लॉकडाउन' Social Media
भारत

कोरोना से बचने के लिए झारखंड सरकार ने लगाया 'मिनी लॉकडाउन', लगी ये पाबंदियां

Author : Kavita Singh Rathore

झारखंड, भारत। अब पूरे भारत में कोरोना के नए Omicron वेरिएंट का प्रकोप ठीक उसी तरह बढ़ता दिख रहा है। जिस प्रकार कोरोना के अन्य वेरिएंट्स का प्रकोप बढ़ता दिखा था। वहीं, इससे संक्रमित मरीजों का आंकड़ा अब देश में 1000 के पार पहुंच चुका है। इसी बीच भारत के राज्यों में कोरोना ने भी एक बार फिर दस्तक देदी है। इससे बचने के सबसे अच्छा उपाय सावधानी रखना ही है, जहां लोग घरों से बाहर निकलते हैं और भीड़ लगाते हैं वहां कोरोना का खतरा बढ़ जाता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अब कई राज्यों की सरकारें अलर्ट होती नजर आरही हैं। इसी कड़ी में झारखंड की सरकार ने भी राज्य में कुछ पाबंदियां लागू कर 'मिनी लॉकडाउन' लगा दिया है।

झारखंड सरकार में लगा मिनी लॉकडाउन :

दरअसल, कोरोना और नए Omicron वेरिएंट के मामले कई राज्यों में बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं। इन राज्यों में झारखंड का नाम भी शामिल है। यहाँ कोरोना का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ा है। इसलिए, इन मामलों को रोकने के लिए आज सोमवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रतिबंध/छूट को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में चर्चा के बाद राज्य में मिनी लॉकडाउन लगाते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इस बैठक में लिए गए फैसलों के बाद लगाए प्रतिबंध 15 जनवरी 2022 तक लागू रहेंगे। इस फैसलों के तहत निम्लिखित पाबंदियां लागू कर दी गई है।

क्या क्या लगी पाबंदी :

  • राज्य में सभी पार्क, स्विमिंग पूल, जिम, चिड़ियाघर, पर्यटन स्थल, खेल स्टेडियम बंद रहेंगे।

  • स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद कर दिए गए हैं, लेकिन इन संस्थानों में 50% क्षमता के साथ प्रशासनिक काम होगा।

  • सिनेमाहॉल, रेस्टोरेंट, बार एवं शॉपिंग मॉल 50% क्षमता के साथ खुलेंगे।

  • रेस्टोरेंट, बार एवं दवा दुकानें अपने नॉर्मल समय पर बंद किए जाएँगे और बाकी सभी दुकानें रात 8 बजे तक ही खुल सकेंगी।

  • आउटडोर आयोजन में अधिकतम एक सौ लोग शामिल हो सकेंगे।

  • इनडोर आयोजनों में शामिल होने वालों कि कुल क्षमता का 50% या 100 दोनों में से जो कम हो, वो तय की गई हैं।

  • सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों के कार्यालय 50% क्षमता के साथ खोले जाएँगे।

  • कही भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं लगाई जाएंगी।

अधिकारियों को निर्देशित :

इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है। इन निर्देशों क तहत राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अनिवार्य स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के साथ दुरुस्त करने को कहा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि, 'स्थिति को मद्देनजर रखते हुए राज्य के सभी जिलों को अलर्ट मोड में रखा जाए। कोरोना जांच की संख्या में हर हाल में वृद्धि हो, अधिकारी यह सुनिश्चित करें। सभी कोविड केयर अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बेड, आइसीयू बेड, नॉर्मल बेड, अनिवार्य दवाएं इत्यादि व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखें। सभी भीड़ वाले क्षेत्रों में कोविड-19 अनुकूल व्यवहारों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करे। राज्य में अफरा-तफरी का माहौल न बने इस निमित्त मैकेनिज्म डेवलप करें।'

मुख्यमंत्री का कहना :

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा क‍ि, 'अधिकारी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित मेडिकल ऑक्सीजन प्लांटों का निरीक्षण करें तथा मेडिकल ऑक्सीजन की कमी न हो, इसकी तैयारी रखें। कोरोना टेस्ट सैंपल का बैकलॉग न बढ़े यह सुनिश्चित करें। विभाग सैंपल कलेक्शन के लिए एसओपी जारी करे। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री श्री बन्ना गुप्ता ने भी राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार के रोकथाम एवं व्यवस्थाओं के संबंध में कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे।'

गौरतलब है कि, इस बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता , मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव-सह-प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त विभागअजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी, अभियान निदेशक एनएचएम रमेश घोलप, झारखंड एड्स कंट्रोल सोसायटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भुवनेश प्रताप सिंह सहित अन्य कई अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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