डॉक्टर-हेल्थ वर्कर्स की सख्त सुरक्षा के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला
डॉक्टर-हेल्थ वर्कर्स की सख्त सुरक्षा के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला Social Media
भारत

डॉक्टर-हेल्थ वर्कर्स की सख्त सुरक्षा के लिए कैबिनेट का बड़ा फैसला

Author : Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। भयानक कोरोना वायरस की महामारी का संक्रमण लगातार फैलता ही जा रहा है, सभी से सोशल डिस्‍टेंसिग बनाए रखने को कहा जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर कोरोना मरीजों की मदद के लिए डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की टीम अपनी जान जोखिम में डालकर उनका इलाज कर रहे हैं। इसके बावजूद भी इन पर हमले हो रहे है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में 123 साल पुराने महामारी कानून में बदलाव किया है।

प्रकाश जावड़ेकर ने दी जानकारी :

मोदी कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी है, उन्‍होंने कहा कि, 123 साल पुराने महामारी कानून 1897 में हमने संशोधन किया है। अभी आईपीसी, सीआरपीसी, एनएसए, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट है, लेकिन यह मांग थी कि पूरे देश के लिए भी कानून बने ताकि कोरोना से लड़ाई में शामिल डॉक्टर्स-हेल्थ वर्कर्स के लिए नियम कड़े किए जाएं।

इसके साथ ही उन्‍होंने आगे ये भी बताया- कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे डॉक्टरों और किसी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब अगर किसी पर हमला किया जाता है, तो अधिकतम 7 साल की सजा और 5 लाख जुर्माने का प्रावधान कानून में रखा गया है। ऐसा हमला संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।

स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला हुआ तो कानून इस तरह करेगा काम :

  • आरोग्यकर्मियों पर हमला गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।

  • जांच अधिकारी को 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

  • ऐसे अपराध में 3 महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

  • गंभीर चोट आने की स्थिति में 6 महीने से 7 साल तक की सजा और एक लाख से 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

  • अगर आरोग्यकर्मियों की गाड़ी और क्लीनिक का नुकसान होता है तो उसकी मार्केट वैल्यू का दोगुना हमला करने वालों से वसूला जाएगा।

PM मोदी 24 अप्रैल को ग्राम पंचायतों से करेंगे बात :

बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर देशभर में कई ग्राम पंचायतों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। साथ ही इस दौरान वे ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेंगे। यह पंचायती राज मंत्रालय का एक प्रयास है, जो तमाम ग्राम पंचायतों को एक प्लेटफॉर्म देगा जहां से ग्राम पंचायतें अपने-अपने इलाके के विकास को लेकर योजनाएं साझा कर सकेंगी।

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