कोरोना वायरस की बिहार और राजस्थान तक आहट
कोरोना वायरस की बिहार और राजस्थान तक आहट Social Media
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कोरोना वायरस की बिहार और राजस्थान तक आहट, चीन में 80 की मौत

Author : Sudha Choubey

राज एक्सप्रेस। चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इस वायरस की चपेट में आकर चीन में मरने वाले लोगों की संख्या रविवार को 80 तक पहुंच गई और इसके साथ ही 2700 लोगों के इससे पीड़ित होने की खबर है। बताया जा रहा है कि, इनमें से 324 लोगों की हालत नाजुक है। अब इस वायरस ने चीन के बाद भारत में राजस्थान और बिहार तक दस्तक दे दी है।

बिहार भी इस वायरस की चपेट में :

आपको बता दें कि, चीन में पढ़ने वाली एक छात्रा के वापस लौटने के बाद उसमें कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि, छपरा की रहने वाली इस छात्रा को फिलहाल छपरा के सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और आज उसे पीएमसीएच (PMCH) लाया जाएगा। छात्रा छपरा के शांतिनगर की रहने वाली है।

सिविल सर्जन मधेश्वर झा ने बताया :

सारण के सिविल सर्जन मधेश्वर झा ने बताया कि, नगर थाना क्षेत्र की 22 वर्षीय लड़की चीन में मेडिकल की पढ़ाई करती है और वह पिछली 22 जनवरी को यहां आई थी। युवती की तबीयत खराब होने के बाद उसे दो दिन पूर्व छपरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि, आशंका है कि, छात्रा चीन में कोरोना वायरस की चपेट में आई है।

जयपुर में भी एक मरीज :

वहीं, वुहान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे राजस्थान के एक छात्र के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के बाद जयपुर में भर्ती कराया गया है। छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके बारे में बताया जा रहा है कि, यह युवक चीन में पढ़ाई कर रहा है। इस बीमारी का लक्षण मिलने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

चीन में अब तक 80 लोगों की मौत :

चीन में इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें हुबेई प्रांत में सबसे ज्यादा 76 लोग मारे गए। रविवार को उत्तरी अमेरिका में भी 5 मरीज इस वायरस से संक्रमित पाए गए। चीन में फैली इस बीमारी को निमोनिया का एक नया प्रकार बताया जा रहा है, जिसे 2019-एनसीओवी नाम दिया गया है।

2002-2003 में फैले एसएआरएस (सिवीयर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम) वायरस की वजह से चीन और हांगकांग में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि, उस समय भी संक्रमण की शुरुआत जंगली जानवरों के खाने से हुई थी।

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