Supreme Court moharram
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Supreme Court moharram Decision  Kavita Singh Rathore -RE
भारत

सुप्रीम कोर्ट ने मोहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमति वाली याचिका की खारिज

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। इस साल देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लगभग सभी त्यौहार फीके फीके से ही माने हैं। वहीं, अब 29 अगस्त से शिया और बोहरा समुदाय का त्यौहार मोहर्रम आने वाला है। इस दिन शिया और बोहरा समुदाय से जुड़े लोग जुलूस निकाल कर मातम मानते हैं। परंतु इस साल कोविड के चलते इस पर रोक लगाई गई है। इस मामले में अब देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी मोहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमित वाली याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका :

दरअसल, इस साल कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोहर्रम पर जुलूस निकालने की अनुमित वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए देश में जुलूस निकालने के लिए सख्त मना कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि, कोर्ट ऐसे आदेश पारित नहीं करेगी। जिसमें बहुत से लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने की बात कही गई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई में कहा कि, कोरोना से बने माहौल में जुलुस निकालने से अव्यवस्था फैल सकती है। इसके बाद यदि कोरोना के मामले बड़े तो किसी एक समुदाय को वायरस फैलाने के लिए निशाना बनाया जा सकता है।

चीफ जस्टिस का कहना :

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा, "अगर कोर्ट देशभर में मुहर्रम पर जुलूस निकालने के लिए अनुमति दे देती हैं तो, इससे अराजकता हो जाएगी और एक समुदाय को कोविड-19 महामारी फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।" बताते चलें, चीफ जस्टिस बोबडे ने यह बात तब कही जब सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के सैयद कल्बे जवाद द्वारा देशभर में शनिवार और रविवार को मुहर्रम जुलूस निकालने की अनुमति को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की जा रही थी।

याचिका में पुरी जगन्नाथ यात्रा का भी जिक्र :

बताते चलें, कोर्ट में दायर की गई याचिका में रथ यात्रा निकालने के लिए दी गई अनुमति का भी जिक्र किया गया था। इस पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, "आप पुरी जगन्नाथ यात्रा का संदर्भ दे रहे हैं, जो एक जगह पर और एक रुट पर तय था। उस केस में कोर्ट द्वारा खतरे का आकलन करने के बाद ही आदेश दिए गए थे। आपके मामले में परेशानी का विषय यह है कि, आप पूरे देश के लिए जुलूस निकलाने के लिए अनुमति देने के आदेश की मांग कर रहे हैं। हम इतने सारे लोगों को स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते।"

राज्य सरकारें याचिका के पक्ष में नहीं :

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा, आप पूरे देश के लिए मांग न करते हुए किसी एक जगह के लिए इजाजत की मांग की होती तो, हम उस जगह के खतरे का आंकलन करते हुए इजाजत दे सकते थे।" सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में इजाजत देने को लेकर की कठनाई की बात बताते हुए कहा कि, देश भर की राज्य सरकारें भी इस याचिका के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, अब याचिकाकर्ता द्वारा इलाहाबाद हाइ कोर्ट जाने की बात कही गई है।

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