कोटा से छात्रों को लाने में सरकार असमर्थ तो हमें दे अनुमति: तेजस्वी
कोटा से छात्रों को लाने में सरकार असमर्थ तो हमें दे अनुमति: तेजस्वी Priyanka Sahu -RE
पॉलिटिक्स

कोटा से छात्रों को लाने में सरकार असमर्थ तो हमें दे अनुमति: तेजस्वी

Author : Priyanka Sahu

राज एक्‍सप्रेस। बिहार में राजस्‍थान के कोटा में फंसे छात्रों को लाने के मुद्दे पर सुलगी राजनीति का पारा लगातार बढ़ रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार उन्‍हें इस मुद्दे पर घेरे हुए है और उन्‍होंने अपनी प्रतिक्रिया में ये बात कही है।

CM नीतीश कुमार से मांगी इजाजत :

कोटा में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ये इजाजत मांगी है कि, ''खास लोगों के प्रति समर्पित बिहार सरकार अगर कोटा में फंसे आम विद्यार्थियों को लाने में अक्षम, अशक्त और असमर्थ है तो हमें विशेष अनुमति प्रदान करें।''

हम कोटा में फंसे करीब 6500 छात्रों को बिहार लेकर आएंगे। संकट की इस घड़ी में बिहार के भविष्य उन निर्दोष नादान बच्चों को हम ऐसे नहीं छोड़ सकते।
RJD नेता तेजस्वी यादव

बता दें कि, तेजस्वी यादव ने अपनी ये प्रतिक्रिया तक दी जब एक दिन पहले ही यानी रविवार को ये बात सामने आई कि, हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह, सड़क मार्ग से कोटा जाकर अपनी बेटी को वापस ले आए हैं। इसे बाद ही विपक्षी पार्टि बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर निशाने पर लेते हुए सवाल खड़े कर रही है।

भाजपा विधायक ने बताया :

इस मामले पर भाजपा विधायक अनिल सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि, उनके बेटे और बेटी कोटा में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, लॉकडाउन की वजह से कोटा के कोचिंग संस्थान बंद हो गए, वहां के मेस बंद होने की वजह से बच्चे परेशान थे। बच्चों के परेशान होने की वजह से उन्होंने नवादा के डीएम से अन्तर राज्यीय पास के लिए आवेदन दिया था। पास मिलने के बाद अपने वाहन पर सड़क मार्ग से कोटा गए और बच्चों को वापस लेकर पटना पहुंचे।

कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में कई स्टूडेंट्स फंसे हुए थे, जो उत्तर प्रदेश और बिहार के थे, हालांकि यूपी के सभी छात्रों को तो उनकी सरकार ने बसे भेज कर बुला लिया है, लेकिन बिहार के सभी छात्र-छात्राएं वहां अभी भी फंसे हुए हैं, क्‍योंकि बिहार सरकार द्वारा ऐसा कुछ कदम नहीं उठाया गया है।

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