टी20 विश्व कप का सूखा खत्म करना चाहेगा ऑस्ट्रेलिया
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टी20 विश्व कप का सूखा खत्म करना चाहेगा ऑस्ट्रेलिया

Author : News Agency

दुबई। ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार वनडे विश्व कप जीता है, लेकिन टी20 विश्व कप को वह अब तक एक बार भी नहीं जीत पाया है। 2010 में वे उपविजेता थे और यही टी20 विश्व कप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2019-20 में लगातार चार टी20 सीरीज जीतकर वे सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में थे और उस समय अगर 2020 में ऑस्ट्रेलिया में पूर्व निर्धारित विश्व कप होता तो वह जीत के प्रबल दावेदार थे। लेकिन कोरोना के कारण टूर्नामेंट को रद्द करना पड़ा और अब ऑस्ट्रेलिया के लिए परिस्थितियां बदल चुकी हैं।

उनके पास अभी भी डेविड वॉर्नर, आरोन फिंच और ग्लेन मैक्सवेल जैसे मैच जिताने वाले खिलाड़ी हैं। टीम में मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड की तेजी के साथ एडम जम्पा और ऐश्टन एगर का स्पिन आक्रमण है जबकि मिचेल मार्श और मार्कस स्टॉयनिस जैसे आलराउंडर भी हैं, जो कि बल्लेबाजी के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर गेंदबाजी भी संभाल सके।

हालांकि टीम के पास सबसे बड़ी समस्या है कि वह टीम का सही संतुलन कैसे निकाले। टीम के बल्लेबाजी विभाग में अब भी टी20 विशेषज्ञ बल्लेबाज की कमी है। वहीं वॉर्नर और फिंच की सलामी जोड़ी की फिटनेस पर अभी भी अनिश्चितता के बादल हैं।

मई 2020 में विश्व नंबर एक की रैंकिंग प्राप्त करने के बाद लगातार पांच टी20 सीरीज हारकर ऑस्ट्रेलिया अब सातवें स्थान पर पहुंच चुका है। उन्होंने पिछले 21 मैचों में से सिर्फ छह मैच ही जीते हैं। हालांकि उनके प्रमुख खिलाड़ी वॉर्नर और कमिंस पिछले चार सीरीज व स्मिथ ने पिछली तीन सीरीज नहीं खेली है।

इसके अलावा मैक्सवेल, स्टॉयनिस और केन रिचर्ड्सन भी बंगलादेश के खिलाफ अंतिम सीरीज में नहीं थे। ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज और बंगलादेश दोनों के खिलाफ 1-4 से सीरीज गंवाई है। मिचेल मार्श का हालिया फ़ॉर्म उनके लिए एकमात्र शुभ संकेत है।

मार्श के अलावा हालिया आईपीएल में मैक्सवेल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जोकि उनके लिए उम्मीद की दूसरी किरण हैं। वॉर्नर और फिंच सलामी बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं, जबकि मिचेल मार्श नंबर तीन पर। इसके बाद स्टीवन स्मिथ को नंबर चार पर आना होगा, वहीं मैक्सवेल और स्टॉयनिस आगे आ सकते हैं। इन सबमें मैथ्यू वेड की जगह अनिश्चित हो गई है।

ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजी उनकी मजबूत कड़ी है। लेकिन उनके लिए सवाल यह होगा कि वह चार या पांच गेंदबाजों के साथ जाए और तीन ऑलराउंडर पर शेष ओवरों के लिए निर्भर रहें। कोच जस्टिन लैंगर हमेशा से पांच गेंदबाजों के पक्ष में रहे हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया कमिंस, स्टार्क और रिचर्ड्सन की तेज गेंदबाजी तिकड़ी व एगर व जम्पा के साथ उतर सकता है।

ग्लेन मैक्सवेल ऑस्ट्रेलिया को अकेले विश्व कप जिताने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) को आईपीएल के प्ले ऑफ़ में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह ऑस्ट्रेलिया के लिए सीमित ओवर क्रिकेट में लंबे समय से मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन को उन्हें आरसीबी की तरह एबी डिविलियर्स से पहले उतारना होगा, ताकि उनके पास अपने तेवर दिखाने का पर्याप्त समय उपलब्ध हो।

ऑस्ट्रेलियाई टीम : आरोन फिंच (कप्तान), डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल, मिचेल मार्श, मैथ्यू वेड, एश्टन एगर, पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, केन रिचर्डसन, एडम जम्पा, जोश हेजलवुड, मार्कस स्टॉयनिस, मिचेल स्वेप्सन, जॉश इंग्लिस।

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