खुद पर शक करने के अलावा टीम को मदद करने की थी सोच : रॉबिन उथप्पा
खुद पर शक करने के अलावा टीम को मदद करने की थी सोच : रॉबिन उथप्पा Social Media
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खुद पर शक करने के अलावा टीम को मदद करने की थी सोच : रॉबिन उथप्पा

Author : News Agency

दुबई। भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की सभी खिलाड़ियों को सुरक्षित महसूस कराने की संस्कृति ने उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपना विश्वास बनाए रखने में मदद की। उथप्पा ने रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पहले क्वालीफ़ायर में 44 गेंदों में 63 रन बनाकर 173 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही सुपर किंग्स के लिए मजबूत नींव रखी थी।

उथप्पा ने मैच के बाद स्टार स्पोर्ट्स तमिल से बात करते हुए कहा, टीम में संस्कृति यह है कि सभी को मौक़ा मिलेगा। मैंने पहले मैच में अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाया था। फिर मैं ऐसे शॉट खेलकर आउट हो गया, जो मैं सकारात्मक रूप से हमेशा खेलता हूं। मुझे पता था कि मुझे सकारात्मक रहकर मैदान पर खुद को व्यक्त करना है।

इस सीजन के पहले चरण में टीम से बाहर रहने के बाद आख़िरकार इस चरण में उथप्पा को टीम में खेलने का मौक़ा मिला। टीम से बाहर बिताए इस समय के बारे में उन्होंने कहा, मैं 10 मैचों के लिए बाहर बैठा था और सोच रहा था कि टीम को कैसे मदद करूं। यह बात मुझे खाए जा रही थी और मुझे आत्म-संदेह भी हो रहा था। मैं जितना हो सकता था उतना करके टीम को मदद करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मैदान पर जाकर अपना योगदान देने का अवसर दिए जाने के लिए मैं सीएसके का आभारी हूं।

उथप्पा ने बताया कि सुपर किंग्स के अलावा केवल कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) में गौतम गंभीर के नेतृत्व में उन्होंने खुद को इतना सुरक्षित महसूस किया था। उन्होंने कहा, केकेआर में गौतम के नेतृत्व में मुझे ऐसा अनुभव मिला था। वह सुनिश्चित करते थे कि टीम के सभी खिलाड़ी सुरक्षित महसूस करें। इसलिए खिलाड़ियों को हमेशा फ्रेंचाइजी के लिए अच्छा प्रदर्शन करने का मन करता था। उसके बाद मैं पहली बार किसी आईपीएल टीम में उस तरह की सुरक्षा का अनुभव कर रहा हूं। यहां मैं हर समय मदद करने और टीम के लिए योगदान देने के बारे में सोच रहा हूं।

रविवार को दिल्ली को हराकर सीएसके ने फ़ाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है। अंतिम मुक़ाबले के लिए उथप्पा काफ़ी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, माही (महेंद्र सिंह धोनी) ने कहा था कि हमारे प्रशंसक सबसे अच्छे हैं और मैं उनसे सहमत हूं। जब मैं टीम में आया था, तो मैंने कहा था कि मुझे सीटी बजाना नहीं आता, लेकिन मैं आप सभी को सीटी बजाने पर मजबूर कर दूंगा। उम्मीद है कि फ़ाइनल जीतने के बाद हम ऐसा कर पाएंगे।

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