Sweden Malmo Riot
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दुनिया

स्वीडन में भड़के दंगे-प्रदर्शनकारियों ने कारें की आग के हवाले

Author : Kavita Singh Rathore

स्वीडन। वैसे तो स्वीडन की गिनती यूरोप के सबसे शांत देशों में होती है परंतु शुक्रवार की रात यहां के माल्मो शहर में बहुत ही भीषण दंगे भड़क गए। लोग सड़कों पर उतर आए दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया। जिसमें पुलिस के जवान भी घायल हो गए। माल्मो में भड़की हिंसा के बीच प्रदर्शनकारियों ने सड़को पर खड़ी कई कारें तक जला डाली। इन भयानक दंगो में शामिल लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके अलावा पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया।

दंगे होने का कारण :

दरअसल, स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के नेता 'रैसमस पालुदन' को माल्मो शहर में आयोजित एक सेमिनार में भाग लेना था। बता दें यह सेमिनार गिरिवार को आयोजित की गई थी और इस सेमिनार का मुख्य मुद्दा 'नॉर्डिक देशों में इस्लामीकरण' था। परंतु वहां के प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए रैसमस पालुदन को इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। अनुमति न मिलने पर जब उन्होंने जबरदस्ती शहर में दाखिल होने की कोशिश की तो, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जिसके कारण उनके समर्थक भड़क गए और शुक्रवार से प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान ही इन प्रदर्शनकारियों ने सड़को पर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक किताब 'कुरान' की कुछ कॉपिया डाली।

नार्डिक देशों में ली शरण :

बताते चलें, उत्तरी यूरोप में डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, फिनलैंड, आइसलैंड और ग्रीनलैंड नार्डिक देश में शामिल हैं। यह देश ऐसे देशों में शामिल जहां की आबादी बहुत कम है। परंतु, बीते कुछ समय में दुनियाभर के हो रही हिंसा के चलते लाखों लोगों ने नार्डिक देशों में ही शरण ली है। इन शरणार्थियों में पोलैंड के अलावा कई देशों के मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग शामिल है। उधर रैसमस पालुदन को मुस्लिम समुदाय के विरोधी भी माना जाता है। इसलिए, समस पालुदन की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों ने किया कुरान का अपमान करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया और फिर दंगे भड़क गए।

नोट : उत्तरी यूरोप के कुछ देशों को 'नार्डिक देश' के नाम से भी जाना जाता है।
रैसमस पालुदन

कौन है रैसमस पालुदन :

बताते चलें, रैसमस पालुदन एक वकील है जो स्वीडन की राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के मुख्य नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं। उन्होंने साल 2017 में अति राष्ट्रवादी पार्टी स्ट्रैम कुर्स की स्थापना की थी। वह कई वीडियोज के माध्यम से मुस्लिम समुदाय का विरोध करते हुए साथ ही कुरान का अपमान करते हुए भी नजर आये है। रेसमस का मानना है कि, उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हालांकि, जून में इसी के चलते ही उन्हें तीन महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा था। परंतु पालुदन ने कानून का पालन करने से इनकार कर दिया था।

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