अगर नहीं पसंद दवाई खाना तो, जान लें थायराइड में असरदार हैं 'जड़ी-बूटियां'

Kavita Singh Rathore

अश्वगंधा से थायराइड बहुत जल्‍दी कंट्रोल होता है। आप इसकी पत्तियों या जड़ों को उबालकर पी सकते है। हार्मोन इंबैलेंस में सुधार के लिए इसका चूरन पानी में उबालकर लें।

अश्वगंधा | Zeeshan - RE

अदरक के सेवन से लंबे समय तक रहने वाले हाइपो थायराइड से राहत मिलती है। अदरक वजन घटाने और हाइपो थायराइड मरीजों में लिपिड प्रोफाइल के नियमन में भी मदद करता है।

अदरक की जड़ | Zeeshan - RE

मोरिंगा (सहजन उया मुनगा) थायराइड का प्राकृतिक इलाज है। इसके सेवन से थायराइड हार्मोन को बहुत कम समय में नियंत्रित किया जा सकता है। इसे खाने से थायराइड हार्मोन की मात्रा नहीं बढ़ती।

मोरिंगा | Zeeshan - RE

फाइटोकेमिकल्स से भरपूर काला जीरा थायराइड के मरीजों के लिए बहुत असरदार है। इसमें एंटी फंगल, एंटी इंफ्लेमेटरी और कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने वाले गुण मौजूद हैं। नियमित रूप से इसका सेवन शरीर की सूजन कम कर सकता है। काले जीरे का तेल टी 4 और टी 3 दोनों थायरायड हार्मोन लेवल में होने वाली वृद्धि को कम करने में कारगर है।

काला जीरा | Zeeshan - RE

तुलसी में एंटी फंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे बॉडी में कार्टिसोल थायराइड ग्लैंड, पैंक्रियाज और ओवरीज की परेशानी को कम होती है। इसकी पत्तियों को उबालकर पीने या कच्‍चा चबाने से थायराइड पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

तुलसी | Zeeshan - RE