क्या है भाई दूज का महत्व?

Shreya N

भाई दूज का त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस साल यह तिथि, बुधवार 15 नवंबर को आ रही है। इसलिए 15 नवंबर को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाएगा। 

कब है भाई दूज? | Syed Dabeer Hussain - RE

भाई दूज की कहानी मृत्यु के देवता यम और नदी यमुना से जुड़ी है। ये दोनों भगवान सूर्य नारायण की संताने है। इन्हीं के कारण हिंदू धर्म में भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है।

यम और यमुना है भाई-बहन | Syed Dabeer Hussain - RE

यम अपने कामों में बहुत व्यस्त रहते थे। उन्हें अपनी बहन यमुना से मिलने का भी समय नहीं मिलता था। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को यमुना ने अपने भाई को घर बुलाया। यमराज ने सोचा कि कोई तो है जो चाहता है, कि यम उनके घर आए। इसलिए यमराज समय निकालकर अपनी बहन के घर गए।

सालों बाद बहन से मिले यम | Syed Dabeer Hussain - RE

सालों बाद अपने भाई से मिलने पर, यमुना ने अपने भाई का खूब सत्कार किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार का भोजन बनाया व यमराज का तिलक किया।

यमुना ने किया सत्कार | Syed Dabeer Hussain - RE

यमुना के आतिथ्य से प्रसन्न होकर, यमराज ने उन्हें मनचाहा वरदान मांगने को कहा। ऐसे में यमुना ने मांगा कि हर साल यम आज के दिन उनसे मिलने आए। साथ ही, जो भी बहन इस दिन अपने भाई का सत्कार करें और उसका टीका करें उसके भाई को यमराज का भय नहीं होगा।

यम ने दिया बहन को वचन | Syed Dabeer Hussain - RE

भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमुना नदी में स्नान करने का बहुत महत्व होता है। जो लोग भाई दूज के दिन यमुना स्नान करते है व यमराज का पूजन करते हैं, वे मृत्यु के बाद यमलोक नहीं जाते।

यमुना स्नान का है महत्व | Syed Dabeer Hussain - RE

यम और यमुना की इसी कहानी के बाद से भाई दूज मनाने की प्रथा शुरू हुई। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं तथा उनकी लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।

बहन करती है भाई का तिलक | Syed Dabeer Hussain - RE

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