Kavita Singh Rathore
आई फ्लू को पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। यह संक्रमण आंखों के सफेद हिस्से को लाल कर देता है। आई फ्लू होने का कारण सर्दी-खांसी वाला वायरस होता है। अगर नाक-कान या गले में संक्रमण है तो आई फ्लू होने की सम्भाना बढ़ जाती हैं।
आई फ्लू कोई खतरनाक बीमारी नहीं हैं, लेकिन ये होने के बाद आंखों में खुजली, दर्द और आंखे गुलाबी और लाल होने की समस्या होती है। उसकी आंखों से पानी निकलता है। कभी-कभी आंखों में सूजन भी आ जाती है। शुरुआत में आई फ्लू एक आंख में होता है, जो जल्द ही दूसरी आंख में भी फैल जाता है।
अपने आसपास साफ-सफाई रखें और हाथ साबुन और पानी से बार-बार धोते रहे। हो सके तो आंखे भी ठंडे पानी से धोते रहे। इसके अलावा सुबह उठकर ठंडे पानी से आंखे धोना आँखों के लिए अच्छा होता है।
आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है। यह संक्रामक व्यक्ति के छींकने से भी दूसरे व्यक्ति को चपेट में ले सकती है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति से दूरी बना कर रखें।
अपनी आंखों को छूने से बचें, हो सके तो डॉक्टर की सलहा पर समय समय पर आई ड्रॉप डालते रहे।
यदि आपको वायरल कंजक्टिवाइटिस है तो दूसरों के साथ अपने वॉश क्लॉथ, तोलिये, बिस्तर, तकिये, कपड़े या आंखों का मेकअप शेयर नहीं करें।
आँखों संबंधित किसी भी बीमारी के लिए अपने आप दवाई नहीं लेना चाहिए। हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही दवा या ड्रॉप लें।
फ्लू के लक्षण दिखाई देते ही कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करना एकदम बंद कर दें और इससे कुछ समय के लिए बचें।
गुलाब जल से आँख को धोए, हलके गर्म पानी से आँखों के ऊपर जमने वाले गंदगी साफ़ करें।