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धनतेरस का त्यौहार, हिंदू कैलेंडर के हिसाब से कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह तिथि 10 नवंबर को है। इसलिए 10 नवंबर को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाएगा।
धनतेरस के दिन, धन्वंतरि भगवान, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन नई वस्तुएं लेना शुभ माना जाता है।
समुद्र मंथन के समय, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है, कि स्वयं भगवान विष्णु ही धन्वंतरि के रूप में जन्मे थे। धन्वंतरि स्वास्थ्य और संपत्ति के देवता है। इसलिए, त्रयोदशी को उनकी पूजा की जाती है।
भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति, धरती पर चिकित्सा विज्ञान के विकास के लिए ही हुई थी। उन्होंने पूरी धरती पर चिकित्सा विज्ञान का प्रचार-प्रसार किया। इसलिए, धन वृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। साथ ही धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा भी होती है।
धनतेरस के दिन नया सामान खरीदा जाता है। इस दिन सोने-चांदी का सामान, बर्तन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान, आदि खरीदा जाता है। इस दिन झाड़ू खरीदने का भी बहुत महत्व होता है।
झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां गंदगी होती है, वहां लक्ष्मी निवास नहीं करती। धनतेरस के दिन झाड़ू लाने का उद्देश्य, घर को स्वच्छ करके लक्ष्मी को आमंत्रित करना होता है। इसलिए नरक चौदस के दिन सुबह, धनतेरस के दिन खरीदी झाड़ू से सफाई होती है।
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