रूस से संबंध पर असर पड़े बिना जी20 संयुक्त घोषणापत्र पर सहमति बनाना पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक विजयः पनगढ़िया
हाईलाइट्स
नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन पनगड़िया ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अब भारत का समय आ गया है
भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन का जी20 का हिस्सा बनने से भारत को वैश्विक स्तर पर अपने एजेंड़ों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी
पीएम मोदी ने हाल के सालों में बेहतरीन कूटनीतिक पहलें की हैं, जिसकी वजह से दुनिया के लगभग सभी प्रमुख नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते
राज एक्सप्रेस। नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगड़िया ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अब भारत का समय आ गया है। उन्होंने जी20 में इंडिया की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 में रूस के साथ संबंध पर असर पड़े बगैर संयुक्त घोषणापत्र पर सभी देशों की सहमति हासिल करने में सफल रहे। यह पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक विजय है । जी20 समिट में उन पर लगातार फोकस रहा। यह बात ध्यान देने की है कि दुनिया के किसी दूसरे देश के नेता के लिए इस तरह का रिस्पॉन्स देखने को नहीं मिला है। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष पनगढ़िया ने हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न जी20 की भारत की अध्यक्षता की तुलना एक बड़े और भव्य विवाह समारोह से की।
जी20 में अफ्रीकन यूनियन की एंट्री को भारत के लिए फायदेमंद
उन्होंने कहा भारत ने जी20 में जिस तरह की कामयाबी हासिल की है, उसे किसी दूसरे देश के लिए दोहराना मुश्किल है। अफ्रीकन यूनियन के सदस्य बनने से इंडिया को फायदा है। पनगड़िया ने जी20 में अफ्रीकन यूनियन की एंट्री को भारत के लिए फायदेमंद बताया। पनगढ़िया ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन का जी20 का हिस्सा बनने से भारत को वैश्विक स्तर पर अपने एजेंड़ों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। अफ्रीका महाद्वीप में कुल 55 देश हैं। लेकिन, सिर्फ दक्षिण अफ्रीका ही जी20 का सदस्य रहा है। उधर, यूरोपीय यूनियन इसका लंबे समय से सदस्य है। अफ्रीकन यूनियन के भारत की अध्यक्षता वाले जी20 में शामिल होने से भारत को रणनीतिक तौर पर अपने अगले अभियानों में वैश्विक सहमति बनाने में फायदा मिलेगा।
कूटनीति के मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन शानदार
उन्होंने कहा कि भारत इन दिनों सुर्खियों में है। इसमें दूसरी वजहों के साथ-साथ आर्थिक विकास का बड़ा हाथ है। पनगड़िया ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्तों में बहुत सुधार आया है। पीएम मोदी ने हाल के सालों में बेहतरीन कूटनीतिक पहलें की हैं, जिसकी वजह से दुनिया के लगभग सभी प्रमुख नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते हैं। भारत को जी20 के घोषणापत्र पर सहमति बनाने में अमेरिका से जो सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि भारत ने रूस और बाकी दुनिया के बीच बहुत अच्छा संतुलन बनाया है। रूस के साथ संबंध पर असर के बगैर इंडिया संयुक्त घोषणापत्र पर सभी देशों की सहमति हासिल करने में सफल रहा। यह पीएम मोदी की बड़ी कूटनीतिक विजय है।
घोषणापत्र को लेकर कुछ शिकायतें पश्चिम से आईं
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि रूस के लिहाज से जी20 का घोषणापत्र इससे बेहतर नहीं हो सकता। इस घोषणापत्र को लेकर ज्यादातर शिकायतें पश्चिम से आ रही हैं। उनकी दलील है कि इसने यूक्रेन युद्ध के असर की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा जी20 नेताओं के घोषणापत्र में ग्लोबल साऊथ पर ही फोकस किया गया है। इस विरोधाभाषी स्थिति के बावजूद भारत इस पर सहमति बनाने में सफल रहा यह उसकी बड़ी उपलब्धि है।
पनगड़िया ने कहा कि जब मैं शेरपा था तब ओईसीडी के सदस्य देश घोषणापत्र पर अपना नियंत्रण बनाने की कोशिश करते थे। वे 20जी सचिवालय के रूप में काम करना चाहते थे। उन्होंने कहा जी20 की अगली अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ पर फोकस बना रहने वाला है। इसकी अध्यक्षता ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे विकासशील देश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि जी20 के अध्यक्ष के रूप में विकासशील देश भारत ने जी20 की बेहतरीन तरीके से अध्यक्षता की।
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