गौतम अडानी ने बना डाले Gaurav और Gautham बम
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गौतम अडानी ने बना डाले हवा में तैर कर दुश्मन तक जाने वाले Gaurav और Gautham बम

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की मदद करने के मकसद से गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी 'Adani Defence And Aerospace' ने 'Gaurav' और 'Gautham' बम का निर्माण किया है।

राज एक्सप्रेस। पिछले कुछ महीनों से गौतम अडानी का नाम लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है। कभी उनकी नेटवर्थ घटने के लिए तो कभी बढ़ने के चलते। इसके अलावा अडानी ग्रुप (Adani Group) के स्वामित्व वाली अलग-अलग कंपनियां भी चर्चा में नजर आ रही है। हालांकि, यह कंपनियां चर्चा में शेयर मार्केट में हो रही उठा पटक के चलते है या फिर किसी न किसी नई डील के चलते। वहीं, अब गौतम अडानी का नाम बम निर्माण के लिए सामने आया है। जी हां, आपको जान कर हैरानी होगी, लेकिन यह खबर बिलकुल सही है। गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी Adani Defence And Aerospace ने Gaurav और Gautham बम का निर्माण किया है।

गौतम अडानी ने बना डाला बम :

आज गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियां हर क्षेत्र में विस्तार कर रही है। इसी कड़ी में जब भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को एक ऐसे स्मार्ट बम की जरुरत आन पड़ी, जो खुद नेविगेट और ग्लाइड करते हुए दुश्मन के टारगेट तक पहुंच जाए। तब इस बम को बनाने का जिम्मा उठाया गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी Adani Defence And Aerospace ने। दरअसल, वायुसेना को हवा में तैरकर दुश्मन तक जाने वाला बम चाहिए था। जिसके लिए भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इसमें मदद की और DRDO के वैज्ञानिकों ने दो तरह के बम का डिजाइन तैयार करके दिया और इन बम का डिजाइन रेडी होने के बाद इनका निर्माण Adani Defence And Aerospace ने किया।

कंपनी ने बनाए दोनों बम :

बताते चलें, DRDO के वैज्ञानिकों ने दो तरह के बम का डिजाइन तैयार किया था। और Adani Defence And Aerospace ने इन दोनों ही तरह के बमों का निर्माण किया। इनमे से पहला विंग के जरिए ग्लाइड करने वाला गौरव (Gaurav) लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) और दूसरा है बिना विंग वाला गौथम (Gautham) बम है। जानकारी के लिए बता दें, ये दोनों ही बम प्रेसिशन गाइडेड हथियार हैं। इनका उपयोग आमतौर पर इस प्रकार किया जाता है -

  • एंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंस में रेंज से बाहर मौजूद टारगेट्स को ध्वस्त करने के लिए।

  • इससे अपने फाइटर जेट को सर्वाइव करने के लिए।

  • इससे कोलेटरल डैमेज की आशंका कम हो जाती है।

  • गौरव 1000 किलोग्राम का विंग वाला लंबी दूरी का ग्लाइड बम है।

  • गौथम 550 किलोग्राम का बिना विंग का बम है।

  • दोनों की लंबाई 4 मीटर है. दोनों का व्यास 0.62 मीटर है।

  • गौरव (Gaurav) और गौथम (Gautham) दोनों ही बमों में CL-20 यानी फ्रैगमेंटेशन और क्लस्टर म्यूनिशन लगते हैं।

  • ये टार्गेट से कॉन्टैक्ट करते ही प्रॉक्जिमिटी फ्यूज़ कर देता है।

  • गौरव की रेंज 100 किलोमीटर ग्लाइड करने की है।

  • गौथम की बिना विंग के 30 किलोमीटर ग्लाइड करने की है।

  • यह दोनों अधिकतम 10 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है

  • दोनों ही बमों में इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगा है, जो GPS और नाविक सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम की मदद से टारगेट तक पहुंचता है।

  • इसे सुखोई सू-30एमकेआई (Sukhoi Su-30MKI) फाइटर जेट पर तैनात किया जा सकता है।

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