सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर मीडिया को रिपोर्टिंग से रोकने की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोकने दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत द्वारा समिति पर अंतिम आदेश तक अपना फैसला सुरक्षित रखा गया है। अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोकने की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने शर्मा से कहा, "हम मीडिया पर रोक नहीं लगाएंगे...हम अपना आदेश देंगे।
यह बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के संबंध में चार याचिकाओं के बैच में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें समूह की ओर से धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप अडानी समूह को 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था।
अधिवक्ता शर्मा उन चार याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिसमें सेबी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है। शर्मा ने सूचीबद्ध कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को रोकने के लिए एक आदेश भी मांगा है, जब तक कि ऐसी रिपोर्टें पहले सेबी के पास दायर और सत्यापित नहीं की जाती है।
याचिकाओं में रखी गईं ये मांगें :
तिवारी ने अपनी जनहित याचिका में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की है, जिसमें उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले व्यापारिक समूह के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं। चौथी याचिका में धोखाधड़ी और शेयर की कीमतों में हेरफेर के आरोपों के बाद अडानी समूह के खिलाफ एक पैनल या शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की देखरेख में कई केंद्रीय सरकारी एजेंसियों द्वारा जांच की मांग की गई है।
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