फ्यूचर ग्रुप-RIL की डील पर मंडरा रहा NCLT का खतरा, Amazon ने की अपील

RIL-फ्यूचर ग्रुप दोनों कंपनियों की डील एक बार फिर मुश्किल में पड़ती नजर आ रही है। क्योंकि, अब Amazon के चलते ही इस डील से NCLT का नाम जुड़ता नजर आ रहा है।
फ्यूचर ग्रुप-RIL की डील
फ्यूचर ग्रुप-RIL की डील Syed Dabeer Hussain - RE

Reliance-Future Deal : हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। हालांकि, हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से अनुमति मिलने के बाद कुछ उम्मीद नजर आई ही थी, लेकिन अब दोनों कंपनियों की यह डील एक बार फिर मुश्किल में पड़ती नजर आ रही है। क्योंकि, अब इस डील से NCLT का नाम जुड़ता नजर आ रहा है।

Amazon ने NCLT की शाखा में दायर की याचिका :

दरअसल, RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप की डील पूरी होने में लगातार अड़चनें आ रही हैं। दोनों कंपनियों की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में अब Amazon ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) से फ्यूचर ग्रुप के शेयरधारकों की बैठक करने पर रोक लगाने की गुजारिश की है। इस मामले में पिछले हफ्ते Amazon ने NCLT की मुंबई शाखा में एक याचिका भी दायर की थी। जिसके अनुसार, Amazon कंपनी का कहना है कि,

'रिलायंस ग्रुप के साथ 24,713 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे को मंजूरी देने के लिए बुलाई जाने वाली फ्यूचर ग्रुप के शेयरधारकों या ऋणदाताओं की किसी भी तरह की बैठक को अनुमति ना दी जाए।'
Amazon

Amazon की अपील :

दोनों कंपनी की डील पूरी होने में शुरू से ही अड़चने खड़ी कर रही कंपनी Amazon ने NCLT को जानकारी दी थी कि, कंपनी की तरफ से इसी मामले में 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष एक याचिका भी दायर की थी, जो दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ थी। बताते चलें, हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सौदे पर बनाए रखी गई ‘यथास्थिति’ को हटाने के आदेश दिए थे। इसके अलावा अब Amazon ने NCLT से फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर रिटेल के इस सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगाने की मांग भी की है। Amazon कंपनी का कहना है कि,

'जब तक सिंगापुर की अंतरराष्ट्रीय मधयस्थता अदालत इस पर अंतिम फैसला नहीं दे देती, तब तक फ्यूचर रिटेल को कंपनी के शेयरधारकों और क्रेडिटर्स की मीटिंग करने से रोका जाए।'
Amazon

कब हुई थी दोनों कंपनियों की डील :

बताते चलें, किशोर बियानी और फ्यूचर ग्रुप इन दोनों कंपनियों की यह डील पिछले साल 2020 के अगस्त माह में हुई थी, लेकिन ये तब से विवादों में ही घिरी है। दोनों कंपनियों के बीच हुई इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा था। यदि इस डील को अनुमति मिल जाती है तो, यह डील कुल 24,713 करोड़ रुपये में पूरी होगी। बता दें, Amazon ने इस डील को लेकर ऐतराज इसलिए जताया था क्योंकि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी और तब दोनों कंपनियों के बीच कुछ शर्ते रखी गई थीं। Amazon में मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने इन शर्तो का उल्लंघन किया था।

Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्ते :

बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गई थी।

  • Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।

  • फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।

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