अमेरिका 11 व भारत 12 जनवरी को जारी करेंगे महंगाई के डेटा, इससे तय होगी बाजार की चाल
हाईलाइट्स
महंगाई के आंकड़े तय करेंगे अमेरिकी फेडरल रिजर्व कब तक ब्याज दरें ऊंची रखेगा।
भारत में खाद्य वस्तुओं में तेजी से नवंबर में 5.5% से 10-20 BPS बढ़ सकती है महंगाई।
नवंबर महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन डेटा भी 12 जनवरी को ही जारी किया जाएगा।
राज एक्सप्रेस । इस माह दो ऐसे आंकड़े आने वाले हैं जिनका शेयर बाजार पर असर पड़ना तय है। पहला अमेरिका और भारत के खुदरा महंगाई के आंकड़े इसी माह में आने वाले हैं। इन आंकडों से पता चलेगा कि अगले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार दिशा और दशा क्या रहने वाली है। अमेरिका कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई ) के आंकड़े 11 जनवरी को जारी करेगा। दिसंबर के लिए सीपीआई में महीने-दर-महीने के आधार पर 0.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। महंगाई के आंकड़े यह निर्धारित करेंगे कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व कब तक ब्याज दरें ऊंची रखेगा। फेड रिजर्व ने संकेत दिया है कि वह इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। लाल सागर का संकट कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। इजराइल-हमास संघर्ष गहराने के कारण हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कमर्शियल जहाजों पर हमला करना अब भी जारी रखा है।
मध्यपूर्व और लाल सागर संकट से प्रभावित हो सकता है ट्रेड
लाल सागर संकट से व्यापार प्रभावित हो सकता है, क्योंकि इससे शिपिंग लागत 60 प्रतिशत तक और बीमा प्रीमियम 20 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। नए साल के पहले सप्ताह में ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड दोनों में तेजी देखने को मिली थी। हाल के दिनों में कच्चे तेल के दामों में गिरावट देखने को मिली है। लेकिन अगर मध्यपूर्व के तनाव और लाल सागर के संकट का कोई समाधान नहीं निकला तो हमें एक बार फिर कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। अगले दिनों में तेल की कीमतें कैसी रहती हैं, इसका भारतीय शेयर बाजारों पर असर देखने को मिल सकता है।
महंगाई में वृद्धि संभव, पर नवंबर से कम रहने का अनुमान
इधर, देश में केंद्र सरकार 12 जनवरी को दिसंबर महीने की खुदरा महंगाई का आंकड़ा सामने आने वाला है। इस पर निवेशकों की विशेष नजर रहेगी। उम्मीद है कि खाद्य मुद्रास्फीति में संभावित वृद्धि के कारण महंगाई, नवंबर माह में 5.5 प्रतिशत से लगभग 10-20 बीपीएस बढ़ जाएगी। लेकिन मुख्य मुद्रास्फीति नवंबर के 4.05 प्रतिशत से थोड़ी कम रह सकती है। सीपीआई के अलावा, नवंबर के लिए औद्योगिक उत्पादन डेटा, 5 जनवरी को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार, 29 दिसंबर को समाप्त 15 दिनों की अवधि के लिए बैंक ऋण व जमा वृद्धि के आंकड़े भी 12 जनवरी को ही जारी किए जाएंगे। ये ऐसी वजहें हैं, जिनसे शेयर बाजार की गतिविधियां सीधे या प्रकारान्तर से प्रेरित और प्रभावित होती हैं।
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