जानें, केबिनेट की बैठक में हुई घोषणाओं से किसे मिलेगा लाभ

लॉकडाउन के चलते देश में आई आर्थिक मंदी को देखते हुए PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें MSME क्षेत्र, किसानों और रेहड़ी पटरी वालों के लिए कई अहम घोषणाएं की गईं।
Announcements for MSME and Farmers in Cabinet Meeting
Announcements for MSME and Farmers in Cabinet MeetingSocial Media

राज एक्सप्रेस। देश में लॉकडाउन के चलते आई आर्थिक मंदी से बिगड़े हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। जिसमें MSME क्षेत्र, किसानों और रेहड़ी पटरी वालों के लिए कई अहम घोषणाएं की गईं। इन घोषणाओं से ऐसे लोगों को मदद मिलेगी।

बैठक में हुए ऐलान :

आज हुई इस बैठक में सरकार ने अपने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किये ऐलानों का रोडमैप तैयार कर लिया है। इस बारे में प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए बताया कि, इन एलानों से एमएसएमई सेक्टर में निवेश आएगा। जिससे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। कोरोना संकट में फंसे एमएसएमई को इक्विटी सहायता देने का ऐलान हुआ है, जिससे 20 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मदद होगी और इसके लिए साइन भी हो चुके हैं। इस पैकेज से ऐसे 2 लाख लोगों को फायदा होगा जो कोरोना संकट में फंसे है। ऐसा पहली बार हुआ है जब 50 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी निवेश का प्रस्ताव पेश किया गया हो।

  • किसान समय पर कर्ज चुका सके उसके लिए सब्सिडी की स्कीम 31 अगस्त तक बढ़ाने का ऐलान।

  • छोटे-मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स को मंजूरी दी गई।

  • आर्थिक मंदी से परेशान MSME के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की स्कीम को मंजूरी दी गई।

  • MSME की परिभाषा बदलने को लेकर मंजूरी दी गई। जिसके तहत 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले बिजनेस मीडियम एंटरप्राइजेज कहलाएंगे।

  • स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 10 हजार रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी गई। जिसे 'प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्म निर्भर निधि' नाम दिया गया।

  • खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने को मंजूरी दी गई है।

  • किसानों को MSP के द्वारा उनके लागत मूल्य से 50-83% ज्यादा मूल्य दिया जाएगा।

  • धान का MSP 53 रुपए बढ़ाकर 1,868 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

किसको मिलेगा फायदा :

भारतीय अर्थव्यवस्था में मुख्य हिस्सा MSME का होता है, इसकी संख्या लगभग 6 करोड़ है। कोरोनावायरस के चलते MSME को हुए नुकसान को देखते हुए PM ने MSME सेक्टर की आत्मनिर्भरता को देखते हुए उसके किए कई पैकेज की घोषणा भी की, जिससे उन्हें मदद मिले और इस सेक्टर में मजबूती आये। मोदी सरकार ने यह पैकेज यह 66 करोड़ लोगों को फायदा देने के मकसद से पेश किया है। इन लाभ लेने वाले लोगों में 11 करोड़ MSME में कार्य करने वालों के साथ 55 करोड़ खेती-किसानी करने वाले लोग भी शामिल हैं।

बदल गई है अब MSME की परिभाषा :

भारत सरकार ने आज इन घोषणाओं के साथ ही MSME की परिभाषा को भी बदल दिया है। नई परिभाषा के अनुसार,

  • निवेश की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ और 5 करोड़ का कारोबार कर दिया गया है।

  • लघु उद्योगों के निवेश की सीमा को बढ़ाकर 10 करोड़ को रुपए और 50 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया गया है।

  • मध्यम उद्योगों के निवेश की सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए और 250 करोड़ रुपए का कारोबार कर दिया गया है।

  • मध्यम और मैन्युफैक्चरिंग सेवा उद्योगों की सीमा को भी बढ़ाकर 50 करोड़ निवेश और कारोबार की सीमा 250 करोड़ तक बढ़ा दी गई है।

  • निर्यात में MSME को किसी भी टर्नओनर में नहीं गिना जाएगा। वह चाहे सूक्ष्म, लघु हों या फिर मध्यम।

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