चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटने के चलते Apple पर उठ रहे सवाल

Apple कंपनी अपने चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर को लेकर मुश्किल में नजर आ रही है। कंपनी के इस चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटने के चलते कंपनी पर अब सवाल उठ रहे हैं।
चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटने के चलते Apple पर उठ रहे सवाल
चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटने के चलते Apple पर उठ रहे सवालSocial Media

राज एक्सप्रेस। महंगे स्मार्टफोन (iPhone) के लिए जानी जाने वाली अमेरिका की टेक कंपनी 'Apple' हमेशा अपने फीचर्स को लेकर बेहतर प्राइवेसी देने के दावे करती है, लेकिन इस बार Apple कंपनी अपने चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर को लेकर ही मुश्किल में नजर आरही है। कंपनी के इस चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर पर पीछे हटने के चलते कंपनी पर अब सवाल उठ रहे हैं।

Apple के नए फीचर्स पर उठ रहे सवाल :

दरअसल, अमेरिका की टेक कंपनी 'Apple' अपनी चाइल्ड सेफ्टी पॉलिसीज के चलते लगातर चर्चा में बनी है। इतने ही नहीं इसके नए चाइल्ड प्रोटेक्शन फीचर को लेकर यूजर्स सवाल उठाने से भी नहीं चूक रहे हैं। क्योंकि, इस मामले में Apple कंपनी ने कुछ दिन पहले बताया कि, 'कंपनी द्वारा रोलआउट किया जा रहा नया फीचर यूजर्स की गैलरी में मौजूद फोटोज को स्कैन करेगा। यह फीचर चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से जुड़ी फोटोज स्कैन और रिपोर्ट करेगा।' इस नए फीचर को लेकर ढेरों यूजर्स ने नाराजगी जताई है। इस नाराजगी को देखते हुए अब Apple ने इसपर सफाई दी है।

Apple की सफाई :

बताते चलें, Apple चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज जुड़ी तस्वीरें स्कैन और रिपोर्ट करने के लिए आईफोन, आईपैड और मैक यूजर्स के i-क्लाउड अकाउंट्स स्कैन करेगी। क्योंकि, एक्सपर्ट्स और यूजर्स ने इसे प्राइवेसी के लिए खतरा माना है और कंपनी की ओर से किए गए बदलाव को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके बाद इस मामले में कंपनी ने सफाई देते हुए कहा है कि, 'कंपनी नए फीचर की मदद से वही इमेजेस स्कैन करेगी, जिसे 'कई देशों में पहले ही फ्लैग किया जा चुका' है।' एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, 'यूजर के फोन में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज से जुड़ी कम से कम 30 फोटोज होने पर ऐपल का सिस्टम कंपनी को अलर्ट करेगा। इसके बाद कंपनी तय करेगी कि इस कंटेंट का ह्यूमन रिव्यू होना चाहिए और इस मामले को अथॉरिटीज को रिपोर्ट करना चाहिए या नहीं। शुरू में कम से कम 30 तस्वीरें होने पर सिस्टम काम करेगा और बाद में यह संख्या कम की जाएगी।'

Apple का बयान :

कंपनी ने एक बयान में बताया है कि, '30 फोटोज का थ्रेडहोस्ट पार ना होने की स्थिति में क्रिप्टोग्राफिक कंस्ट्रक्शन ऐपल सर्वर को कोई मैच डाटा डिक्रिप्ट करने की अनुमति नहीं देगा। यानी कि 30 फोटोज का थ्रेशहोल्ड पार होने के बाद ही यूजर के खिलाफ कंपनी की ओर से कोई ऐक्शन लिया जाएगा। डिक्रिप्ट किए गए डाटा वाउचर्स ऐपल सर्वर पर मौजूद फाइल्स के ह्यूमन रिव्यू का विकल्प अथॉरिटीज को देंगे। कंपनी नया सिस्टम न्यूरलमैच सिस्टम का इस्तेमाल करेगा। अगर किसी डिवाइस में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटीरियल (CSAM) मिलता है तो ह्यूमन रिव्यूअर्स को अलर्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, यह ऐप्लिकेशन हमेशा ठीक से काम करेगी, ऐसा जरूरी नहीं है।'

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