MNNIT के 19 छात्रों ने तैयार कर डाली मानव रहित कार
MNNIT के 19 छात्रों ने तैयार कर डाली मानव रहित कारSocial Media

MNNIT के 19 छात्रों ने मिलकर 7 लाख की लागत में तैयार कर डाली मानव रहित कार

मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) ने एक एसी कार तैयार कर ली है जो मानव रहित है और इसे चलाने के लिए किसी इंसान या कहें ड्राइवर की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ऑटोमोबाइल। आपने अब तक लगभग हर तरह की कार देखी होगी, पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कार CNG से चलने वाली कार, इलेक्ट्रिक कार आदि। इन सभी कारों को चलाने के लिए किसी न किसी व्यक्ति या कहे ड्राइवर की जरूरत होती है, लेकिन अगर हम आपको ऐसा कहे कि, भारत में एक ऐसी कार तैयार कर ली गई है। जो, बिना ड्राइवर के चलाई जा सकेगी तो क्या आपको भरोसा होगा ? अगर नहीं तो जान लें यह खबर बिलकुल सही है। मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) ने एक एसी कार तैयार कर ली है जो मानव रहित है।

भारत में तैयार हुई मानव रहित कार :

आपको शायद इस खबर पर भरोसा नहीं हो रहा होगा कि, भारत में एक एसी कार का निर्माण हुआ है, लेकिन यह खबर बिल्कुल सही है क्योंकि, मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) ने खुद इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि, भारत की पहली मानव रहित कार तैयार कर ली गई है। इस मानव रहित कार का निर्माण मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) के बीटेक कर रहे छात्रों ने किया है। बता दें, इस कार के पहले चरण के परीक्षण में सफल होने के बाद ही माइक्रोसाफ्ट एशिया के अध्यक्ष अहमद मजहरी के सामने इसका पहला डेमो दिया गया।

पहले चरण को पास होने में लगे दो साल :

बताते चलें, मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNNIT) द्वारा तैयार की गई बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मानव रहित कार के प्रोजेक्ट का पहला चरण दो साल की लगातार मेहनत के बाद पूरा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह प्रयोग के दौरान गोल्फ कार्ट में इस कार के सिस्टम को फिट किया गया है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग सफल होने के बाद फिलहाल इस कार को किसी भी सड़क पर सीधे चलने के लिए उतारा गया है।

मानव रहित कार की खासियत :

इस कार के आगे और पीछे कैमरा लगाया गया है। जिसकी मदद से यह बिना किसी इंसान के भी रास्ता देख कर अपने आप चल सकेगी। यह कार अपने आप सामने से आने वाली कोई भी गाड़ी, आदमी, भीड़, जानवर या फिर गड्डा, कटान सब कुछ देखने में सक्षम है। यदि किसी हालात में कोई सामने आ जाअगा तो यह कार खुद ब्रेक भी लगा देगी और जैसे ही सामने आई चीज या वाहन सामने से हट जाएगा तो वह अपने आप चलना भी शुरू हो जाएगी। हालांकि, अभी इस कार को सीधे रास्ते पर ही चलाया जा सकता है।

कार का निर्माण किसने किया :

MNNIT के छात्रों द्वारा बताया गया है कि, इस कार को का अब दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। जो महीने भर चलेगा। वह पूरा होने के बाद ही इस कार को किसी भी मोड़ या घुमावदार रास्ते पर चलाया जा सकेगा। इस कार का निर्माण MNNIT के प्रोफेसर समीर के निर्देशन में बीटेक छात्र विभांशु समेत सेकेंड ईयर, थर्ड ईयर और फाइनल ईयर के कुल 19 छात्रों ने मिलकर किया है। बता दें, इस कार को बनने के दौरान इस कार के लिए फंडिंग और मार्गदर्शन MNNIT के ही साल 1995 बैच के छात्र रहे RRD गो क्रिएटिव के वाइस प्रेसीडेंट रोहित गर्ग और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात राजेश कुमार ने किया है। इस कार को बनने का खर्च सात लाख रुपये आया है।

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