Ford ने जारी की ग्लोबल ट्रेंड रिपोर्ट 2020

वाहन निर्माता कंपनी Ford ने हाल ही में ग्लोबल ट्रेंड रिपोर्ट 2020 जारी की, इस रिपोर्ट के माध्यम से कंपनी ने व्यस्क लोगों के मूड और मानसिकता को बताने का एक प्रयास किया है।
Ford Global Trend Report 2020
Ford Global Trend Report 2020Kavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। वाहन निर्माता कंपनी Ford ने हाल ही में ग्लोबल ट्रेंड रिपोर्ट 2020 जारी की, इस रिपोर्ट के माध्यम से कंपनी ने व्यस्क लोगों के मूड और मानसिकता को बताने का एक प्रयास किया है। अकेलापन, अनिश्चितता एवं विश्वास का महत्व इस साल की रिपोर्ट के मुख्य विषय हैं, फिर भी Ford के चीफ फ्यूचरिस्ट ने व्यवसायों एवं लोगों को कनेक्ट होने व विकसित होने के लिए अनेक अवसर प्रस्तुत किए हैं।

हमारी 8वीं वार्षिक रिपोर्ट 2020 लुकिंग फर्दर विद फोर्ड ट्रेंड्स रिपोर्ट प्रदर्शित करती है कि, आज के लोग दुनिया में होने वाले परिवर्तनों को देखकर घबराए हुए हैं। उन्हें पहले के मुकाबले ब्रांड्स पर विश्वास करने एवं साथियों के साथ कनेक्ट होने में मुश्किल हो रही है।

45 प्रतिशत व्यस्क का कहना :

दुनिया में 45 प्रतिशत व्यस्क कहते हैं कि, "वो नियमित आधार पर अकेलापन महसूस करते हैं, जिससे कंपनियों एवं ब्रांड्स को अवसर का संकेत मिलता है, जिससे वो लोगों को सुकून व जुड़ाव पाने में मदद कर सकें।"

58 फीसदी व्यस्क का कहना :

दुनिया में 58 फीसदी व्यस्क कहते हैं कि, "उन्हें जलवायु परिवर्तन से लड़ने में निराश होना पड़ता है, लेकिन ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन अपनाने, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन चलाने, कार पूलिंग या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के मामले में कदम उनमें से आधे से भी कम लोग उठाते हैं।"

निरंतर कनेक्टिविटी के इस युग में उपभोक्ता पहले के मुकाबले ज्यादा अकेलापन महसूस करने लगे हैं। उन्हें कंपनियों एवं अपने साथियों पर विश्वास करना मुश्किल हो गया है।

8वीं वार्षिक रिपोर्ट :

फोर्ड द्वारा जारी की गयी 8वीं वार्षिक रिपोर्ट, 2020 लुकिंग फर्दर विद फोर्ड ट्रेंड रिपोर्ट में फोर्ड मोटर कंपनी ने विश्वास को मुख्य ग्लोबल थीम माना है और यह तलाशने का प्रयास किया है कि, कंपनियां किस प्रकार विश्वास वापस हासिल कर रही हैं।

मैनेजर का कहना :

फोर्ड के ग्लोबल कंज़्यूमर ट्रेंड्स एवं फ्यूचरिंग मैनेजर, षेरिल कोनेली ने कहा, ‘‘दुनिया में परिवर्तन की दर बढ़ रही है और संस्थानों, ब्रांड्स एवं साथियों पर विश्वास के बिना अधिकांश लोग अत्यधिक घबराहट महसूस कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता यह विश्वास करना चाहते हैं कि, कंपनियां सही दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन कंपनियों को भी उन्हें ऐसा करने का स्पष्ट कारण बताना जरूरी है। फोर्ड पर हम उपभोक्ताओं एवं उनके समुदायों की जिंदगी में सुधार लाने के लिए समर्पित हैं, ताकि हम एक पारस्परिक भरोसे के संबंध के साथ आगे बढ़ सकें।’’

अमेरिका, एशिया, यूरोप एवं मिडिलईस्ट के 14 देशों का सर्वे करते हुए ग्लोबल रिपोर्ट में बताया गया कि, लोगों के साथियों, समुदायों, चयनित अधिकारियों एवं व्यवसायों पर भरोसा करने की क्षमता उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।

रिपोर्ट में प्रदर्शित हुए अन्य कंज़्यूमर ट्रेंड्स हैं:

अकेलापन:

अकेलापन विश्व की एक महामारी बन गया है। अकेलापन खासकर युवाओं के बीच फैला है - वैश्विक स्तर पर जेन जर्स का 62 प्रतिशत इस कथन से सहमत है कि, "मैं नियमित रूप से अकेलापन महसूस करता हूँ’’और 50 प्रतिशत सहमत हैं कि, "मैं अक्सर अकेलापन महसूस करता हूं जब मैं अन्य लोगों के आस-पास होता हूँ’’।

सतह के नीचे:

उपभोक्ताओं का विश्वास स्थापित करने के लिए छिपे हुए तत्वों में रुचि बढ़ रही है। उपभोक्ता यह विश्वास करना चाहते हैं कि, कंपनियां सही दिशा में काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें अंदर की बात जानकर इस पर विश्वास करना जरूरी है। दुनिया में 67 प्रतिशत व्यस्क इस बात को मानते हैं कि, ‘‘ब्रांड एक बार मेरा विश्वास खो देगा, तो उसे वापस नहीं पाया जा सकता’’

स्थिरता से खड़े रहने की मांगः

लोग ब्रांड्स से उत्पाद आधारित दृष्टिकोण से मूल्य-आधारित दृष्टिकोण की ओर बढ़ने की मांग कर रहे हैं, यद्यपि इससे खरीद करने का उनका निर्णय सदैव प्रभावित नहीं होता, दुनिया में 59 प्रतिशत व्यस्क कहते हैं कि, वो ब्रांड के मूल्यों के मुकाबले खरीदे जाने की सुगमता पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

बड़ी उम्मीदेंः

इंटरनेट काॅमर्स की वृद्धि के साथ ब्रांड्स के लिए अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। दुनिया में 67 प्रतिशत व्यस्क कहते हैं कि, ‘‘आज ब्रांड से मेरी अपेक्षाएं पहले के मुकाबले ज्यादा हैं।’’

हरित विरोधाभास :

दुनिया में उपभोक्ता मौसम परिवर्तन के बारे में ज्यादा चिंतित हो रहे हैं, लेकिन यह चिंता प्राथमिकता नहीं बन पा रही है। जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अपना व्यवहार न बदल पाने वाले 64 प्रतिशत लोग कहते हैं कि, उनका मानना है कि, उनके बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

पहचान महत्वपूर्ण है :

पहचान के बारे में बातचीत एवं वार्ताएं बढ़ रही हैं, खास कर जब पहचान दृश्य एवं अदृश्य गुणों, जैसे लैंगिक पहचान, वंश, धर्म आदि पर आधारित हो। दुनिया में केवल 67 प्रतिशत व्यस्क कहते हैं कि, ‘‘मैं लैंगिक तरलता की अवधारणा को समझता हूँ’’

दूसरी बार :

दुनिया में नई अपसाइकल कंपनियों ने रिसेल शाॅपिंग का आधुनिकीकरण कर दिया है। काॅमर्स अभियान बाजार के लिए सचेत ग्राहकों के लिए बढ़ रहा है और पहले से स्वामित्व वाली फैशन वस्तुओं, अप्लायंसेस, इलेक्ट्राॅनिक्स, घरेलू सामान एवं अन्य सामान में नए जीवन का संचार हो रहा है, जिसे ज्यादा से ज्यादा ग्राहक चुन रहे हैं। दुनिया में 60 प्रतिशत व्यस्क मानते हैं कि, ‘‘मैं पांच साल पहले के मुकाबले आज यूज़्ड सामान खरीदने का ज्यादा इच्छुक हूँ।’’

रिपोर्ट का कुछ भाग :

यहां हमने इस ग्लोबल ट्रेंड 2020 की रिपोर्ट (Ford Global Trend Report 2020) का कुछ भाग दिखाया है, आप पूरी रिपोर्ट देखने के लिए कंपनी की साइट social.ford.com पर विजिट कर सकते हैं।

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