उपभोक्ता अदालत : खाते से गलती से पैसे निकलने पर बैंक नहीं होगा जिम्मेदार

किसी ग्राहक के खातें में से गलती से पैसे निकलने जैसी घटनायें सामने आई तो, इसका जिम्मेदार बैंक नहीं होगा। बता दें, इस मामले में गुजरात के अमरेली की एक उपभोक्ता अदालत द्वारा ऐसा आदेश जारी किया गया है।
खातें से गलती से पैसे निकलने पर बैंक नहीं होगा जिम्मेदार
खातें से गलती से पैसे निकलने पर बैंक नहीं होगा जिम्मेदारSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। देश में दिन प्रति दिन सैकड़ों आनलाईन धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं, इसी बीच बैंक ग्राहकों के साथ होने वाली इन धोखाधड़ी से पल्ला झाड़ते नजर आए। दरअसल, अब यदि किसी ग्राहक के खातें में से गलती से पैसे निकलने जैसी घटनायें सामने आई तो, इसका जिम्मेदार बैंक नहीं होगा। बता दें, इस मामले में गुजरात के अमरेली की एक उपभोक्ता अदालत द्वारा ऐसा आदेश जारी किया गया है।

उपभोक्ता अदालत द्वारा जारी किया गया आदेश :

जी हाँ, आपको जानकर हैरानी होगी कि, बैंक अब ग्राहकों के खातो से पैसे निकलने वाले मामलों की जिम्मेदारी नहीं लेगा। क्योंकि, गुजरात के अमरेली की एक उपभोक्ता अदालत द्वारा ऐसा आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि, यदि किसी खाताधारक के खाते से धोखे से पैसे निकलते हैं तो, इसमें ग्राहक की ही कोई गलती होगी। ऐसे बैंक फ्रॉड के लिए बैंक को दोषी नहीं ठहराया जाएगा। ऐसी गलती बैंक के ग्राहकों की वजह से होती है तो उसके नुकसान की भरपाई के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं होगा और न बैंक ऐसे मामलों में भरपाई करेगा।

क्यों दिए ऐसे आदेश :

दरअसल, अमरेली में उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा एक इसी प्रकार के धोखाधड़ी से पीड़ित को मुआवजा देने से साफ़ माना कर दिया। इस पीड़ित के साथ 41,500 रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। इस मामले में कोर्ट का मानना है कि, यह घोखा उस व्यक्ति के साथ उसकी ही लापरवाही के कारण हुआ है। इसमें बैंक की कोई गलती नहीं है तो, बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि, वह मुआवजा दें। वहीं इससे पहले भी सामने आए ऐसे ही एक मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने कहा था कि, 'बैंक अनाधिकृत लेनदेन के मामलों में अपने ग्राहकों को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।'

NCDRC के अनुसार :

NCDRC के अनुसार, 'बैंक अपनी देनदारी के 'गलत तरीके' से बचने के लिए नियमों और शर्तों की आड़ नहीं ले सकते हैं। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, यदि लेन-देन किसी तीसरे पक्ष के उल्लंघन के कारण होता है और ग्राहक तीन दिन के भीतर बैंक को इसकी सूचना दे देता है।तब ग्राहक जिम्मेदार नहीं होता है।'

उपभोक्ता अदालत का कहना :

उपभोक्ता अदालत ने कहा कि, 'बैंक ग्राहकों को अपने ATM कार्ड के विवरण या बैंक खाते के विवरण किसी के साथ साझा नहीं करने की पर्याप्त चेतावनी देते हैं। न केवल बैंकों ने नोटिस बोर्ड पर दिशा-निर्देश चस्पा किए हैं बल्कि सतर्कता संदेश भी प्रसारित किए हैं। बैंक ग्राहकों को यह सूचित करते हैं कि कोई भी बैंक कर्मचारी कभी भी ATM कार्ड विवरण नहीं मांगेगा।' 

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