राज एक्सप्रेस। आज पूरा भारत कोरोना की जंग लड़ रहा है और इस जंग में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे महत्पूर्ण हथियार 'फेस मास्क' और 'हैंड सेनिटाइजर' साबित हो रहे हैं। वहीं, अब भारत के कई राज्यों में रहने वाले लोगों ने इसे अपनी इनकम का सोर्स बनना शुरू कर दिया है। लोग घर पर मास्क बना कर बेच कर छोटे स्तर पर कारोबार चला रहे हैं। वहीं, बिहार के जीविका समूह ने भी यही रास्ता अपनाया है।
जीविका समूह ने किया लाखों का कारोबार :
दरअसल, बिहार के जीविका समूह ने भी मास्क बना कर छोटे स्तर से कारोबार शुरू किया और 30 लाख मास्क बनाकर 4 करोड़ 50 लाख रुपये से भी अधिक का कारोबार किया है। इस बारे में ग्रमाीण विकास मंत्री ने जानकारी दी।
ग्रमाीण विकास मंत्री ने बताया :
ग्रमाीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने गुरुवार को यहां बताया कि "लॉकडाउन में सभी आर्थिक गतिविधियों बंद होने को भी जीविका समूहों ने अवसर में तब्दील कर दिया है। राज्य के 2300 जीविका समूह मास्क निर्माण में लगे हुये हैं इनके द्वारा अब तक 30 लाख मास्क का तैयार किए जा चुके हैं। मास्क की खरीद-बिक्री से चार करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक का कारोबार भी किया गया है।"
उन्होंने आगे बताया कि, "जीविका के मास्क तैयार करने से यह ग्रामीण क्षेत्रों में उचित दर पर उपलब्ध है और ग्रामीणों को मास्क खरीदने के लिये बाजार आने की आवश्यकता नहीं रह जाती है।"
प्रतिदिन तैयार करते हैं 52 हजार मास्क :
ग्रमाीण विकास मंत्री कुमार ने बताया कि, "राज्य में जीविका समूह प्रतिदिन लगभग 52 हजार मास्क तैयार कर रहे हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि, राज्य के प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को मुखिया एवं वार्ड सदस्य के माध्यम से चार-चार मास्क उपलब्ध कराये जायेंगे। इससे बड़ी संख्या में मास्क की आवश्यकता को देखते हुये उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं मास्क का बाजार उपलब्ध होने के कारण निर्माण के परिमाण को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि, "उम्मीद है कि, आने वाले दिनों में प्रतिदिन 70 हजार तैयार किए जा सकेंगे।"
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