Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन लेने वालों में हो रही ब्लड क्लॉटिंग की समस्या

दुनियाभर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका (Oxford-AstraZeneca) द्वारा निर्मित की गई वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके चलते बच्चों का ट्रायल रोक दिया गया।
Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन लेने वालों में हो रही ब्लड क्लोटिंग की समस्या
Oxford-AstraZeneca की वैक्सीन लेने वालों में हो रही ब्लड क्लोटिंग की समस्याSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के देश परेशान है। लगभग सभी देशों में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है, भारत में यह आंकड़ा बहुत तेजी से एक बार फिर बढ़ता देखा जा रहा है। हालाँकि, देश में दूसरी तरफ कोरोना की वैक्सीन का टीकाकरण भी तेजी में जारी है। वर्तमान में चल रहे चरण में 45 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही है। इसी बीच ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित की गई वैक्सीन पर कुछ सवाल उठ रहे हैं।

एस्ट्राजेनका की वैक्सीन पर उठ रहे सवाल :

दरअसल, दुनियाभर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बीच ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका द्वारा निर्मित की गई वैक्सीन का ट्रायल बच्चों को देने के लिए किया जा रहा था। जिसके बाद वैक्सीन बच्चों को भी लगाई जाती, लेकिन उससे पहले एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के चलते बच्चों पर होने वाला ट्रायल रोक दिया गया है। इस मामले में जानकारी देते हुए ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। जिसके अनुसार, कंपनी ने बताया कि, 'वैक्सीन लेने वालों में खून के थक्के (Blood Clotting) जमने की समस्या सामने आई है। इसी के चलते ट्रायल को भी रोक दिया गया है।'

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का बयान :

इस वैक्सीन को निर्मित करने में मदद करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस मामले में एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि, 'ट्रायल में ‘सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं’ है, लेकिन ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के जमने की आशंका जताई जा रही है। हम स्टडी शुरू करने से पहले ब्रिटेन की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) के अतिरिक्त आंकड़ों का इंतजार करेगी। अभिभावकों और बच्चों को शेड्यूल विजिट लगातार करते रहना चाहिए और अगर उनके मन में कोई सवाल है, तो वह ट्रायल साइट्स पर संपर्क कर सकते हैं।’

ब्लड क्लॉटिंग की समस्या :

दुनिया के प्रमुख निकायों में शुमार MHRA एस्ट्राजेनेका के आंकड़ों का विश्लेषण करने का काम कर रही है। इस विश्लेषण के तहत वह यह भी पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि, क्या ब्लड क्लॉटिंग और वैक्सीन डोज के बीच कोई लिंक है ? खबरों की मानें तो इस तरह के मामले नार्वे सहित यूरोप के कई देशों में सामने आए थे। जबकि उससे पहले ब्रिटेन में वैक्सीन लेने से क्लॉटिंग की समस्या के 30 मामले सामने आए थे। जिनमे से 7 लोगों की मौत भी हो गई थी।

विवादों में फसी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन :

बताते चलें, एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित की गई वैक्सीन पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में फसी हुई है। जहां, इस वैक्सीन को लेकर एक बार फिर विवाद हो रहे हैं। जबकि, इससे पहले कई यूरोपीय देशों ने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर अस्थायी रूप से रोक भी लगा दी गई थी।

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